नाटक में कलाकार की कोई उम्र बाधा नही

दो हारे लोगों की है, ये दोनो उम्र से अकेलेपन से आर्थिक रूप व परिवार की अनदेखी से हारे है

- प्रमोद कुमार

संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ में शिकस्ता नाटक का मंचन खचाखच भरे हाल में किया गया। रंग मंच व फिल्मी दुनिया के वयोवृद्ध सीनियर सिटीजन प्रसिद्ध कलाकार सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ-मृदुला भारद्वाज ने नाटक शिवस्ता में अपने रंग मंच के माध्यम से बताया कि कला में कलाकार की उम्र कोई बाधा नहीं होती है। “शिकस्ता“ कहानी दो हारे लोगों की है, ये दोनो उम्र से अकेलेपन से आर्थिक रूप व परिवार की अनदेखी से हारे है। वृद्धावस्था आश्रम में इनके पुत्र पुत्री छोड़ गये है, जीने की तमन्ना है। नाटक का निर्देशन सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ और भारतेन्दु कश्यप द्वारा किया गया। इस मौके पर पूर्व मुख्य सचिव शभुनाथ, पूर्व उप निदेशक सूचना प्रमोद कुमार आदि भी गणमान्यजन थे।



 

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