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रायबरेली में 7 कोरोना पाजिटिव का ईलाज जारी

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जिलाधिकारी, रायबरेली शुभ्रा सक्सेना व पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई ने जानकारी देते हुए बताया है कि जनपद में कोरोना पाजिटिव की कुल संख्या 50 है जिनमें से 43 व्यक्तियों के स्वस्थ होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। जनपद में अभी कुल पाजिटिव एक्टिव की संख्या 7 है जिनका ईलाज जारी है।   जालन्धर (पंजाब) से एक स्पेशल ट्रेन से 1253 प्रवासी उ0प्र0 के विभिन्न जनपदों के लिये आगमन किये जिनको लंच पैकेट की व्यवस्था कराते हुए मेडिकल परीक्षण/जांचोपरान्त उ0प्र0 के विभिन्न जनपदों को सरकारी बसो से भेजा गया। जनपद में विभिन्न विशेष ट्रेनो से अबतक लगभग 9086 से अधिक श्रमिक प्रवासी कामगार परिवार जनपद आकर अपने-अपने गन्तब्यों तक सकुशल पहुचाया गया है।  डीएम-एसपी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आम जनता को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े इस हेतु आवश्यक वस्तुओं की डोर-टू-डोर सप्लाई की व्यवस्था की गयी है। इस व्यवस्था के अंतर्गत दुग्ध आपूर्ति हेतु 46 वाहन, राशन हेतु 35 वाहन, तथा फल एवं सब्जी हेतु 78 ई-रिक्शा/ठेलों की व्यवस्था की गयी है तथा आम जनमानस के लिए डोर-टू-डोर एटीएम मोबाइल तथा पोस्ट ऑफिस (ए0ई0प

लापरवाही किसी भी स्तर पर क्षम्य नही

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जिलाधिकारी, रायबरेली शुभ्रा सक्सेना के नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये है कि निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाये। निगरानी समितियों के सदस्यों से संवाद जारी रखा जाये तथा लोगों को आरोग्य सेतु व आयुष कवच कोविड एप को आम जनमानस को जागरूक कराते हुए एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जाये। जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी, रायबरेली अभिषेक गोयल ने बचत भवन के सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक करते सेक्टर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि कोरोना महामारी को गम्भीरता से लेते हुए निगारानी समितियों के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखे तथा सुरक्षा करें। पूरी दुनिया में सब बन्द होने पर कोरोना को खत्म करने में लगी हुए है। पूरी तरह व ईमानदारी एवं लगन से स्वास्थ्य प्रोटोकाल व शासन व प्रशासन द्वारा दिये गये निर्देशों को कड़ाई से अनुपालन करें।   मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आए हुए प्रवासी मजूदरों का शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गठित निगरानी समितियों को प्रभावी तरीके से सक्रिय रखते

नलिन कान्त श्रीवास्तव ओक्रिज इण्टरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर नियुक्त

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र नलिन कान्त श्रीवास्तव को विशाखापट्टनम के प्रतिष्ठित ओक्रिज इण्टरनेशनल स्कूल का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है, जो कि सी.एम.एस. परिवार के लिए प्रसन्नता की बात है। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने नलिन को इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी है। डा. गांधी ने कहा कि सी.एम.एस. परिवार के लिए यह गर्व का विषय है कि सी.एम.एस. छात्र आज सारी दुनिया में प्रतिष्ठित पदों पर बैठकर मानवता की सेवा कर रहे हैं एवं ‘जय जगत’ एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। डा. गांधी ने विश्वास व्यक्त किया कि ओक्रिज इण्टरनेशनल स्कूल का डायरेक्टर के रूप में नलिन भावी पीढ़ी को मानव मात्र की एकता एवं मानवता के कल्याण हेतु अग्रसर करेंगे। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि नलिन सी.एम.एस. के स्टेशन रोड एवं आर.डी.एस.ओ. कैम्पस के बेहद प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं।  श्री शर्मा ने बताया कि शिक्षा के उपरान्त नलिन मर्चेन्ट नेवी से जुड़े एवं मास्टर मैरिनर की रैंक तक पहुंचे। इसके उपरान्त उन्होंने एक बार फिर से अपनी शिक्षा प्र

जीवन की संवेदनशील प्रतिबद्धताओं के बीच समन्वय का प्रतीक हैं डा अर्चना की कवितायें: जया मोहन

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प्रयागराज। महिला काव्य मंच प्रयागराज इकाई के तत्वावधान में एक समीक्षात्मक परिचर्चा का आयोजन किया गया जो कि कवियत्री और कहानीकार डॉ अर्चना पांडेय पर केंद्रित रहा। डा सरोज सिंह ने डॉ अर्चना जी की कविताओं और गजलों के विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय रखी उन्होंने कहा कि - वजनी  शब्दों के जरिए अर्चना जी चमन से बिछुड़ने का गम और आँखें नम जैसे भावों को बहुत ही सहजता से व्यक्त करती हैं। कवयित्री की रचनाओं के बारे में मीरा सिन्हा ने कहा कि, गजल दमदार है जिसमें अपने देश की मिट्टी से अलग होकर व्यक्ति व्यथित हो जाता है और दूर होने के बाद ही अपनों का महत्व जान पाता है। डा अर्चना ने अपनी कविता के माध्यम से सहित्य की ताकत भी बखूबी बतलाई है जो समाज मे क्रांति लाने में सक्षम है।               मै सत्य हूं शीर्षक से डॉ अर्चना की अतुकान्त कविता के बारे में बताते वरिष्ठ कवियत्री प्रेमा राय ने कहा कि, कवयित्री ने स्त्री की अस्मिता के औचित्य का गुणगान करते हुए विपरीत परिस्थिति  की कसौटी पर स्वयं को कसते हुए सत्यमेव जयते का संदेश दिया है तो वहीं आंसू, नारी की हताशा और सहिष्णुता किस प्रकार उसका शोषण करती है यह भी बता

रामचरित मानस के उर्दू शायरी में अनुवाद पर हुई परिचर्चा

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डाॅ. अहसन भी तुलसीदास और बाल्मीकि की तरह अनेक भाषाओं अनेक पुराणों अनेक साहित्यों, अनेक इतिहासों और अनेक सभ्यताओं के जानकार थे। यह अनुवाद उन्होंने स्वतः सुखाए, आत्म संतोष और और आत्म प्रबोधन के लिए किया है, तुलसीदास की तरह डाॅ. अहसन का भी काव्य मूलतः स्वतः सुखाए होते हुए भी लोकमंगल के उद्देश्य की पूर्ति करता है। दोनों ही जगह रामकथा का अनुराग मिलता है, यह अपने समय का सबसे बड़ा काम है। यह अनुवाद साहित्य जगत का बहुत बड़ा काम है, अफसोस है कि अब तक इसका प्रकाशन नहीं हो सका है। अब इम्तियज गाजी ने इसके प्रकाशन का बीड़ा उठाया है तो कुछ उम्मीद बनती दिख रही है। यह बात इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. सुरेश चंद्र द्विवेदी ने गुफ्तगू द्वारा आयोजित आॅनलाइन परिचर्चा में कही, वे रामचरित मानस का उर्दू शायरी में अनुवाद करने वाले शायर डाॅ. जमीर अहसन की शायरी पर बोल रहे थे। डाॅ. अहसन की बेटी अतिया नूर ने कहा कि मैं साक्षी हूं इतिहास रचने वाले इस शायर के हर संघर्ष की, चाहे वो मानस के तर्जुमे के दौरान उन पर फतवा जारी करने की बात हो या तथाकथित बुद्धिजीवियों की ओर से तर्जुमे के प्रसा

वसुधैव कुटुम्बकम एवं 21वीं सदी भारत का स्वागत

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने 12 मई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी भारत की होगी अर्थात भारत ही जगत गुरू कहलायेगा। भारत ही विश्व एकता की पहल करेगा और नेतृत्व भी करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश शुरू से ही वसुधैव कुटुम्बकम अर्थात पूरी वसुधा को ही कुटुम्ब मानने की वकालत करता आ रहा है। प्रधानमंत्री ने ‘जय जगत’ का महत्व भी अपने सम्बोधन में स्पष्ट किया है। डा. गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. अपनी स्थापना के समय से ही, विगत 62 वर्षों से सारी दुनिया में ‘जय जगत’ एवं ‘वसुधैव कुटम्बकम’ का अलख जगा रहा है और प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में ‘जय जगत’ की महत्ता को स्थापित कर दिया है, जिससे विश्व एकता एवं विश्व शान्ति की राह पर बढते रहने हेतु सी.एम.एस. का मनोबल ऊँचा हुआ है। इसके लिए हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आभारी हैं।  डा. गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. की स्थापना 1959 में पाँच बच्चों से हुई थी। इन प

जागरूकता से लाॅकडाउन का पालन किया जा रहा है: जिलाधिकारी

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जिलाधिकारी, रायबरेली शुभ्रा सक्सेना ने बचत भवन के सभागार, रायबरेली में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में परस्पर जागरूकता से लाॅकडाउन का पालन किया जा रहा है। इसे आमजनमानस को अधिक से अधिक जागरूक करते हुए सोशल डिस्टेसिंग, घरों में रहना है सुरक्षित रहना है का अनुपालन कड़ाई से कराये। नोवेल कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने व बाचव के लिए सरकार के निर्देशों के साथ ही स्वास्थ्य प्रोटोकाल के अनुरूप युद्ध स्तर पर कार्य किया जाये, लाॅकडाउन व सोशल डिस्टेसिंग का मुख्य उद्देश्य कोरोना वायरस की चैन को तोड़ना है साथ ही जनपद, प्रदेश, देश में कोरोना पाजिटिव में कमी लाना है। कोरोना को सोशल डिस्टेसिंग व घरों में रहना व मास्क आदि लगाने, बार-बार हाथ धोने, साफ-सफाई रखना है एवं किसी भी स्थान पर थुकना नही थूकना आदि से कोरोना वायरस महामारी में कमी लाई जा सकती है।   जिलाधिकारी ने कहा कि जो उत्तर प्रदेश से अन्य राज्य में जाने व अन्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश में आने के लिए उत्तर प्रदेश की जनसुनवाई-समाधान पोर्टल शासन की वेबसाइड पर प्रवासी पंजीकरण करा सकते है। प्रवासी श्रमिकों-कामगार मजदूरों के घर वापसी आने