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लालगंज में एक प्रवासी श्रमिक कोरोना पाजिटिव मिला

मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 संजय कुमार शर्मा द्वारा जानकारी दी गई है कि जनपद में कोरोना संक्रमण महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जनपद में विगत 12 मई को लुधियाना से आई विशेष श्रमिक टेªन में लालगंज की ग्राम भगवान बक्श खेड़ा के एक प्रवासी श्रमिक का स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान थर्मलस्कैनिंग के माध्यम से शरीरिक तापमान अधिक पाये जाने पर उसका कोरोना वायरस जांच कराई गई। जाचोपरान्त व्यक्ति कोरोना पाजिटिव पाया गया। मरीज के इलाज के लिए क्वारंटाइन सेन्टर बराती लाल सरस्वती विद्या मंदिर में रखा गया है। जनपद में अब 51 पाजिटिव मरीज में अब 7 एक्टिव मरीज अवशेष है जिनका इलाज जारी है।  

छोटी बह्र के ग़ज़लों के शहंशाह हैं विज्ञान व्रत

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विज्ञान व्रत बेहतरीन चित्रकार के साथ-साथ छोटी बह्र की गजलों के शहंशाह हैं। छोटी-छोटी बह्र में बड़ी-बड़ी बातें इतनी आसानी से कह देना, जिनके जेरे असर से बाहर निकलना आसान ही नहीं नामुमकिन है। ये गजलंे पढ़ने और सुनने में बहुत आसान लगती हैं, लेकिन इनमें गागर में सागर समाया हुआ है-‘मैं कुछ बेहतर ढूंढ रहा हूं/घर में हूं घर ढूंढ रहा हूं।’ लफ्ज को बरतना और उसे मआनी देना, ऐसा कमाल कि चुम्बकीय आकर्षण पैदा करता है। एक-एक शेर में सदियां समायी हुई हैं, ‘एक सच है मौत भी/वो सिकन्दर है तो है।’ आप कहन के साथ गजल कहने का लाजवाब हुनर रखते हैं। यह बात शनिवार को डाॅ. नीलिमा मिश्रा ने गुफ्तगू द्वारा आयोजित ऑनलाइन साहित्यिक परिचर्चा में नोएडा के मशहूर गजलकार/चित्रकार विज्ञान व्रत की गजलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहीं। डाॅ. शैलेष गुप्त वीर ने कहा कि छोटी बह्र में लाजवाब गजलों से गजल की दुनिया में अपना अलग मुकाम बनाने वाले विज्ञान व्रत शिल्प की कसौटी पर शत-प्रतिशत खरी गजलें कहते हैं। इनकी गजलों का कथ्य बहुत गहरा और धारदार है। इन गजलों में अपने समय का यथार्थ प्रतिबिम्बन है। गजलों में उन्होंने कई प्रयोग किये

कत्ल इंसानियत का जो करते

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कैसी तासीर है हवाओं  में! लोग शामिल हुये गुनाहों में! कत्ल इंसानियत का जो करते!  उनकी गिनती है परसाओं में! रब ने बख्शा है वो असर लोगो! मुफलिसों-बे-कशों की आहों में ! यार कश्ती डुबोने वाला तो! कोई शामिल है ना-खुदाओं में! जिसके आने से बे-खुदी छाये ! वो असर अब कहाँ  बलाओं में ! उनके आने से ये चमन महका! आई रंगत है इन फजाओं  में! दिल की नजरों से मैंने देखा तो ! वो नजर आया हर  दिशाओँ में ! नाम तेरा ‘कशिश’ के दिल में है! तू ही धड़कन की है सदाओं में!      

18 मई से सी.एम.एस. छात्रों के लिए आनलाइन समर कैम्प

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के छात्रों के लिए निःशुल्क आनलाइन समर कैम्प का आयोजन 18 मई से किया जा रहा है। यह आनलाइन समर कैम्प सी.एम.एस. के सभी 18 कैम्पसों में प्रारम्भ किया जा रहा है, जिससे लाॅकडाउन के दौरान सी.एम.एस. छात्र रूचिपूर्ण शैक्षिक गतिविधियों के साथ नई-नई चीजें सीख सकेंगे एवं अपने समय का सदुपयोग कर पायेंगे। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है।  श्री शर्मा ने बताया कि इस आनलाइन समर कैम्प के दौरान छात्रों के लिए म्यूजिक, रीडिंग, आर्ट एण्ड क्राफ्ट, पी.टी. एवं एरोबिक्स आदि विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। सी.एम.एस. शिक्षक इन आनलाइन समर कैम्प में छात्रों की रूचियों के अनुसार विभिन्न शैक्षिक व मजेदार गतिविधियों का आयोजन करेंगे, जो कि पूरी तरह से निःशुल्क होगा। आनलाइन समर कैम्प 10 जून तक आयोजित किए जाएंगे।  श्री शर्मा ने बताया कि आॅनलाइन समर कैम्प का उद्देश्य छुट्टियों के दौरान छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से व्यस्त रखना, उनकी फिजिकल फिटनेस को बनाये रखना एवं मजेदार तौर-तरीकों से उनकी क्षमताओं को बढ़ा

नारी पीड़ा का मार्मिक वर्णन करती हैं डाॅ. ममता: तारक

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डॉ. ममता सरुनाथ की रचनाएं एक से बढ़कर एक हैं। आपकी रचनाएं प्रकृति प्रेम, नारी पीड़ा, बेटी और मित्रता आदि विषयों से ओतप्रोत हैं, नारी पीड़ा का वर्णन बहुत बहुत ढंग से किया गया है। साथ ही कविताओं में संकल्प एवं ढृढ़ निश्चय के भाव का प्राकट्य हो रहा है। निश्चित ही आपके काव्य सृजन समाज के लिये मार्गदर्शक का काम करती हैं, तथा साहित्य जगत की अमूल्य कृति हैं। यह बात गुफ्तगू की ओर से आयोजित ऑनलाइन परिचर्चा में तामेश्वर शुक्ल ‘तारक’ ने डाॅ. ममता सारुनाथ की कविताओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। शैलेंद्र कपिल ने कहा, डाॅ. ममता सरूनाथ समसामयिक विषयों से सरोकर रखती हैं, वह एक समाज शास्त्री एंव समाजसेविका होने के नाते महिलाओं की अदम्य शक्ति में विश्वास प्रकट करते हुए कहती हैं-‘चुप्पी तोडो मुंह को खोलो/बहुत हुई खामोशी/तुम बनकर चिंगारी और ज्वाला/हो रहे सामाजिक अन्याय को सहो नहीं।’ खुदा में पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए आस्तिकता का परिचय देती हैं कि दुआंए कबूल होती हैं, जद्दोजहद कभी मत छोडो। हर प्रकार के हालात व चुनौतियों को स्वीकारो व अपने भीतर आत्मविश्वास जगाकर हालात को सुधारो। मनमोहन सिंह तन्हा के म

लोन वितरित किया गया

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मुख्यमंत्री, उ0प्र0 शासन तथा प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग नवनीत सहगल, एस0एल0वी0सी0 के मुख्य प्रबन्धक के निर्देशानुसार जनपद के बेरोजगार युवकों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, ओडीओपी तथा अन्य योजनाओं में आॅनलाइन लोन मेला का एनआईसी में आयोजन कर जनपद के उद्यमियों को लगभग 1 करोड़ का लोन वितरित किया गया। लोन वितरण आनलाइन कराया गया जिसमें जिला आग्रणी बैंक विजय शर्मा, उपायुक्त उद्योग नेहा सिंह, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी अवधेश कुमार गौतम, लघु उद्योग भारती तथा बैंक मैनेजर सुरेश गुप्ता आदि उपस्थित थे। ऋण पाये वाले उद्यमियों ने कहा कि आनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से सरकार द्वारा दिया गया लोन के लिए अभारी प्रकट किया। सलोन के उद्यमी फर्नीचर उद्योग के लिए 15 लाख, अमावा के उद्यमी सटरिंग के लिए 7 लाख, सलोन के रेडिमेड के लिए 20 लाख, लालगंज के उद्यमी को फर्नीचर के लिए 20 लाख, सलोन के ही मौरंग बिजनेस के लिए 14 लाख रूपये ऋण की स्वीकृति प्रदान की गई है।

क्वारंटीन सेंन्टरों में सोशल डिस्टेन्सिंग पर विशेष ध्यान दिया जाये

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जिलाधिकारी, रायबरेली शुभ्रा सक्सेना ने निर्देश दिये है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में नियमित पेट्रोलिंग किये जाने के साथ ही लाॅकडाउन का कड़ाई से अनुपालन कराया जाये इसके अलावा जो क्वारंटीन सेंन्टरों में सोशल डिस्टेन्सिंग पर विशेष ध्यान दिया जाये और पूरी सावधानी और सतर्कता बरती जाये। कोरोना योद्धा विशेष कर स्वास्थ्य कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार का दुव्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा। उन्होंने कड़े निर्देश दिये सीडीओ, एडीएम ई व एफआर व समस्त एसडीएम कोरोना योद्धा विशेष कर स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मचारियों, पुलिस कर्मी आदि जो कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जी जान से लगे हुए है। उन पर विशेष ध्यान दिया जाये। इसके अलावा लाॅकडाउन का पालन व लोगों को घरों में रहने की हिदायत देते रहे। आमजन मानस को आरोग्य सेतु एव आयुष कवच कोविड एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित भी करते रहे।  जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने कहा कि शहरी व ग्रामीण इलाको में 99 शेल्टर होम स्थापित है जिसमें 12794 लोगों को रखा जा सकता है। अबतक 170 रोके गये है। जांच रिपोर्ट प्राप्त न होने के कारण व चिकित्सय देख-रेख में रख