बाॅलीवुड की जासूसी फिल्में

भारतीय सिनेमा कई मामलों में हाॅलीवुड के नक्शे कदम पर चलता आया है। हाॅलीवुड की जासूसी फिल्मों से प्रभावित होकर भारतीय फिल्मकारों ने कई बेहतरीन फिल्में बनाई हैं। जेम्स बांड की फिल्म डा. नो से प्रेरित होकर रवि नागोइच ने भारत की पहली जासूसी फिल्म 1967 में फर्ज बनाई जितेन्द्र, बबिता अभिनीत यह फिल्म सुपर हिट रही जितेन्द्र इस फिल्म से रातों रात स्टार बन गये। विदेशी जासूसों द्वारा देश में तोड़-फोड़ और जहरीली गैस द्वारा फसल तबाह करने के प्लान और उसकी फैक्ट्री को तबाह करने की कहानी पर बनी यह फास्ट ऐक्शन फिल्म दर्शकों द्वारा खूब सराही गई। जितेन्द्र ने सीक्रेट ऐजंेट 116 के रोल को इतनी सजीवता से निभाया कि उन्हें इण्डियन जेंम्स बांड का खिताब मिला बाद में इसके सीक्वेल बने जिसमें रक्षा 1981 और बांड 303, 1985 में जितेन्द्र ने रोल किया और फिल्म कीमत में धर्मेंन्द्र ने इस रोल को किया लगभग इसी कहानी पर 1970 में जाॅय मुखर्जी की इन्सपेक्टर आई जो अधिक हिट नही रही इससे पूर्व जाॅय मुखजी अपनी होम प्रोडक्षन फिल्म हम साया 1968 और पुरस्कार में जासूस बन चुके थे 1967 में फिरोज खान, मुमताज, राजन हक्सर और बेला बोस की फिल्म सी. आई. डी. 999 आई। 1968 में धर्मेंन्द्र, माला सिन्हा, महमूद, कुमकुम, सुजीत कुमार की जुबली हिट फिल्म आँखें आई रामानन्द सागर निर्मित यह फिल्म अपने गानों और एक्शन के लिये आज तक सराही जाती है। आगे चल कर 1976 में रामानन्द सागर ने धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी, अजीत, अमजद खान को लेकर एक और कामयाब जासूसी फिल्म चरस बनाई। पुराने दौर के हिट और चाॅकलेटी हीरो विश्वजीत ब्रज की फिल्म नाईट इन लंदन में (1967) जासूस बने इसमंे उनके सह कलाकार माला सिन्हा, मदन पुरी, अनवर हुसैन, जानी वाकर थे मोहम्मद रफी का गाया गाना नजर ना लग जाय किसी की राहों में बेहद हिट रहा। आगे चलकर विश्वजीत ने 1967 कहीं दिन कहीं रात और 1968 में कमल मेहरा की जासूसी फिल्म किस्मत में काम किया बबिता, षेटटी, की इस फिल्म का गाना कजरा मोहब्बत वाला अंखियों में ऐसा डाला जबरदस्त हिट हुआ फिल्म सितार में छुपायी गई माइक्रोडाॅट फिल्म पर आधारित थी जिसमें विदेशी जासूसों और उनके अडडे की तस्वीरें थी।
1968 में ही देव कुमार, जयमाला और के. एन. सिंह की जासूसी फिल्म स्पाई इन रोम आई जो भारतीय वैज्ञानिक डा. शर्मा द्वारा बूढे को युवा बनाने के फार्मूले को हथियाने हेतु विदेशी ताकतों द्वारा वैज्ञानिक के अपहरण पर आधारित थी। बीते दौर के सदाबहार हीरो देवानंद भी जासूस बनने के मोह से बच नही सके। वे जाॅनी मेरा नाम, प्रेेम पुजारी, शरीफ बदमाश 1973, ये गुलिस्तां हमारा और वारंट में सीक्रेट ऐजंेट बने उनकी पांचों फिल्में बेहद हिट रहीं। शरीफ बदमाश नये लडाकू एयर क्राफट के ब्लू प्रिंट की विदेशी शक्तियों द्वारा चोरी पर आधारित थी वारंट में भारतीय वैज्ञानिक के अपहरण और उसके खोजे गये फार्मूले को अपराधियों द्वारा हथियाने की कहानी थी। 1969 मे धमेंन्द्र, शर्मिला टैगोर, डेविड, अनवर हुसैन अभिनीत निर्देशक ब्रज की फिल्म यकीन आई जो दुश्मन द्वारा भारत की एटोमिक लैब्रोटरी उडाने की साजिष पर आधारित थी 1975 में धमेंन्द्र, सायरा बानो व देवकुमार की साजिश आई। 1971 में रेखा, विनोद मेहरा, विनोद खन्ना, मदन पुरी की जासूसी फिल्म एलान आई जो एटोमिक रिंग द्वारा गायब हो जाने वाली एटोमिक रिंग को अपराधियों द्वारा हथियाने पर आधारित थी 1975 में ही विनोद मेहरा, रेखा और एन. ए. अंसारी की फिल्म जुर्म और सजा आई जो भारतीय मिलेट्री के सीक्रेटस की जासूसी पर आधारित थी फिल्मों की 1977 में महेन्द्र सिंधु, आषा सचदेव, रेहाना सुल्ताना, पिंचु कपूर की जेम्स बांड मार्का फिल्म ऐजेन्ट विनोद आई जो अपने एक्षन सीन के लिये हिट हुयी। महेन्द्र सिंधु ने जासूस के रूप मे गजब की एक्टिंग की। इसी फिल्म से प्रभावित होकर 2012 में सैफ अली खान ने करीना कपूर, प्रेम चोपड़ा को लेकर इस फिल्म का सीक्वेल एजेन्ट विनोद बनाई। जो युरोप के एक कुटिल बिजेसमैन द्वारा भारत में न्यूकलियर बम अटैक पर आधारित थी, जो लचर व अति उलझी हुयी कहानी और बोगस प्रस्तुति कारण पिट गई 1979 में मिथुन चक्रवर्ती, रंजीता, जगदीप की जासूसी फिल्म सुरक्षा आई रवि नागोइच की यह फिल्म बेहद हिट रही और इससे मिथुन चक्रवर्ती गन मास्टर जी 9 बन गये बाद में इसका सीक्वेल वारदात बना, जिसमे मिथुन चक्रवर्ती, जगदीप काजल किरन थीं विनोद खन्ना भी इस मामले मे पीछे नही रहे 1972 में भारती, अशोक कुमार, विनोद खन्ना की हम तुम और वो आई। 1975 मे विनोद खना नीतू सिंह की महा बदमाश आई। इसके बाद कई दषक तक देश मे कोई फिल्म नही आई कई बरस बाद सन्नी दयोल, षिल्पा शेटटी, नसीरूददीन शाह की हिम्मत आई इसके बाद सन्नी दयोल, प्रीति जिंटा, अमरीष पुरी की हीरो आई जो पाकिस्तान के जेहादी ग्रुपो द्वारा भारत पर न्यूकलियर अटैक पर आधारित थी। इससे मिलती जुलती कहानी पर सन् 2002 में आंनद मिलिंद, डैनी, गुलशन ग्रोवर की 16 दिसम्बर आई जो खासी हिट रही 2005 में नये कलाकारों की जासूसी फिल्म बुलेट आईं इसी दौरान आमिर खान, सोनाली बेन्द्रे, नसीरूददीन शाह की सरफरोस आई जो बेहद हिट रही। 2013 में इरफान खान, अर्जुन राम पाल की फिल्म डी डे आई जो डाॅन दाउद को पाकिस्तान से भारत लाने के राॅ के आपरेशन पर आधारित थी। इससे पहले अर्जुन राम पाल नसीरूददीन शाह के साथ एक अन्य जासूसी फिल्म असंभव मे काम कर चुके थे राजेश खन्ना विनोद मेहरा की जासूसी फिल्म चक्रव्यूह आई।


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