भाग्य को वही कोसते हैं जो कर्महीन होते है

- बुद्धिमान व्यक्ति क्रोध से फटते नहीं है वे उसे उचित समय के लिए सुरक्षित रखते है।
- जब एक द्वार खटखटाने पर न खुले तो अपनी प्रतिष्ठा के सम्बन्ध में विचार कर लो।
- जो आपके सामने औरों की निन्दा करता है वह औरों के सामने अपकी निन्दा अवश्य करेगा।
- भयंकर रूप से सामने आयी हुई उलझी परिस्थितियों को शान्ति पूर्वक सुलझाना ही बुद्धिमता की कसौटी है।
- आपका सबसे अच्छा दोस्त वह है जो आपकी कमजोरियों की चर्चा दूसरों से नहीं करता बल्कि आपसे से ही साफ-साफ कहता है।
- अपने सुख के लिए दूसरों को कष्ट देना महा पाप है।
- जो अपनी तारीफ सुनना पसंद करते है उनमें गुणों की कमी होती है।
- गरीब वह नहीं जिनके पास धन कम है बल्कि वह धनवान भी सबसे अधिक गरीब है, जिसकी इच्छा कम नहीं हुई है।
- दिल में बुरे विचारों को कभी मत आने दो वे अपना असर दिखाये बगैर नहीं रहते।
- केवल प्रशंसा पाने के लिए कार्य करना कत्र्तव्य नहीं कहलाता।
- अगर आदमी सीखना चाहे तो उसकी हर भूल उसे कुछ न कुछ शिक्षा अवश्य देती हैं।
- घृणा केवल प्रेम से ही जीती जा सकती है।
- जिसने गर्व किया उसका पतन अवश्य हो गया।
- भाग्य को वही कोसते हैं, जो कर्महीन होते है।


 


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