माथेरान की फैली सुंदरता को आंखों में बसाया जा सकता है


जब कभी मुम्बई धूमने जाये तो मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ जिले में मौजूद है प्राकृतिक खूबसूरती से भरा छोटा सा हिल स्टेशन माथेरान। कर्जत तहसील के अंदर आने वाला यह भारत का सबसे छोटा हिल स्टेशन है। यह पश्चिमी घाट पर्वत शृंखला में समुद्र तल से 800 मीटर की उँचाई पर बसा है। बड़े शहरोंसे इसकी निकटता के कारण मातेरान शहरी नागरिकों के लिए एक सप्ताहांत बिताने के लिए लोकप्रिय स्थल है। यहां की खासियत है कि यहां किसी भी प्रकार के वाहन का प्रवेश वर्जित है। यही वजह है कि यहां का वातावरण मन को शांति प्रदान करता है। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर सुकून के कुछ पल बिताने के लिये माथेरान बिल्कुल उपयुक्त स्थान है। मुंबई, पुणे और नाशिक के लोगों की तो यह पसंदीदा जगह है ही लेकिन अब उत्तर और दक्षिण भारत के लोगों को भी यह स्थान अपनी ओर आकर्षित करने लगा है।
मुंबई के तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड एल्फिंस्टोन ने यहां भविष्य के हिल स्टेशन की नींव रखी और गर्मी के दिनों में वक्त गुजारने की दृष्टि से इसे विकसित किया गया। 5००० की आबादी वाला यह कस्बा आज शहरी लोगों के लिए सप्ताहांत बिताने का मनपसंद स्थान बन गया है। मुंबई, पुणे और सूरत से आसानी से पहुंचे जा सकने के कारण भी लोगों में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है।
माथेरान का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है नेरल स्टेशन जो यहां से 9 किलोमीटर दूर है। इसके आगे वाहनों का प्रवेश वर्जित है। आगे जाने के लिए या तो पैदल जाना होगा, या बग्गी, रिक्शे या घोड़ों का प्रयोग करना होगा। लेकिन यहां पहुंचने का सबसे अच्छा साधन है यहां की टॉय ट्रेन जिसके हाल ही में 1०० साल पूरे हुए हैं। पहाड़ों पर चढ़ती उतरती इस ट्रेन में बैठकर ढाई घंटे की यात्रा में खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का आनंद उठाया जा सकता है। इसके अलावा ट्रॉली से भी यहां तक पहुंचा जा सकता है। माथेरान में प्रवेश करते ही यहां का वातावरण और शुद्ध हवा मन को ताजगी और स्फूर्ति से भर देता है। इस छोटे से हरे-भरे शहर में साल भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। लेकिन यहां आने का सबसे अच्छा मौसम है मानसून। उस समय घाटियों में फैला कोहरा, हवा में तैरते बादल और भीगा-भीगा मौसम एक अलग ही समां पैदा करते हैं। माथेरान में प्राकृतिक नजारों का दूर तक फैली सुंदरता को आंखों में बसाया जा सकता है। इसके अलावा माउंट बेरी और शारलॉट लेक भी यहां के मुख्य आकर्षण हैं। माउंट बेरी से नेरल से आती हुई ट्रेन का दृश्य देखा जा सकता है। पहाड़ों पर हरियाली के बीच से घूम-घूम कर आती ट्रेन का दृश्य वाकई अभिभूत कर देता है। वहीं शारलॉट लेक यहां से सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है। लेक के दायीं ओर पीसरनाथ का प्राचीन मंदिर है। वहीं बायीं और दो पिकनिक स्पॉट लुईस पॉइंट और इको पॉइंट हैं।
पर्यावरण की दृष्टि से अतिसंवेदनशील होने के कारण यह पूरे एशिया एक मात्र स्वचालित वाहन मुक्त हिल स्टेशन है। 
माथेरान को केन्द्रिय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है और यह अपने आप मे एक स्वास्थ्य आरोग्य आश्रम कहा जा सकता है। माथेरान मे बड़ी संख्या मे औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियाँ पाई जाती हैं इस शहर मे बॉनेट मकाक्स, हनुमान लंगूरस समेत बहुत सारे बंदर भी पाए जाते हैं।
माथेरान मुंबई और पुणे से रेल और सड़क द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन नेरल है। निकटतम हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी इंटरनॅशनल एरपोर्ट, मुंबई है। माथेरान शहर के केंद्र मे एक नॅरो गेज रेलवे स्टेशन है। माथेरान हिल रेलवे से नेरल के लिए प्रतिदिन सेवा उपलब्ध है। इस पर चलने वाली खिलोना गाड़ी मुख्य लाइन से नेरल जक्सन मे जुड़ती है जो की सी.एस.टी-कर्जत मार्ग के द्वारा सी.एस.टी से अच्छी तरह जुड़ा है।


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