रत्नों के उपयोग और उससे लाभ

रत्नों से मनुश्य का परिचय नया नही है, प्राचीनकाल से ही रत्न मनुष्य को आकर्षित और प्रभावित करते आये हैं। वेदों में इन्हें मणियाँ कहा गया है, जो खनिज एवं वानस्पतिक दोनो ही होती थी। इन्हें विभिन्न समस्याओं के निवारण हेतु धारण किया जाता था। रोमन और मुस्लिमों के भारत आने के बाद रत्न विज्ञान और अधिक विकसित हुआ। रत्नों का उपयोग ज्योतीषीय तथा अन्य तरह के उपचारों के लिये किया जाता है। पाश्चात्य देशों में रत्न विज्ञान पर काफी शोध हुआ है। जिसके कुछ अच्छे नतीजे सामने आये हैं, रत्न अनेक रोगों को भी शांत करते हैं। रत्नों के उपयोग और उससे लाभ के लिये दिये जा रहे हैं।
पागलपन-पन्ना पागलपन में रामबांण का काम करता है, यह सभी प्रकार के पागलपन, अनिद्रा, क्रोध और बेचैनी को शांत करता है।
उच्च रक्तचाप, एसिडिटी व अल्सर- ठंडे रत्न व मूत्रल रत्न इन समस्याओं पर बहुत अच्छा काम करते हैं। नीलम, पन्ना, जमुनिया, मोती, मून स्टोन रक्तचाप कम करते है। ऐसिडिटी व अल्सर शांत करते है।
थाइराइड-यह एक हारमोनल रोग है। मोती, मूँगा, मून स्टोन के संयुक्त प्रयोग से थाइराइड में लाभ होता है। सुनहला, पुखराज व मोती एक साथ धारण करने पर भी यह रोग शांत होता है। 
पथरी-यह गुर्दे और पित्त की थैली का रोग है। दहानेफरंग, जेड, अम्बर, मध्यमा उँगली में लोहे का छल्ला अच्छा काम करते हैं। मोती, मूनस्टोन, नीलम गुर्दे की पथरी में लाभकारी है।
मोतियाबिंद-यह बृद्धा अवस्था का कफजन्य रोग है, इसमें आँखों की पुतली पर एक झिल्ली चढ़ जाती है, यह कैल्षियम की कमी से पैदा होता है। पन्ना, मोती और हीरा इस रोग में उत्तम लाभ देते है।
बेरोजगारी-यह एक गम्भीर समस्या है, पन्ना या नीलम या पन्ना और हीरा एक साथ पहनने पर बेरोजगारी में लाभ प्राप्त होता है। नौकरी-पेशा वालों के लिये नीलम और व्यापारी व किसानों के लिये पन्ना लाभकारी है।
विवाह में विलम्ब होना-यह आज के दौर की गम्भीर समस्या है, लड़का हो या लड़की दोनों के विवाह में विलम्ब हो जाना वर्तमान दौर में समान्य सी बात है। यदि कन्या के विवाह में बाधा आ रही हो, तो पुखराज के साथ मूँगा धारण करना चाहिये। यदि लड़के के विवाह मे बाधा हो तो पन्ना के साथ हीरा या नीलम अथवा पुखराज या रोज क्वार्टज एक प्रकार का गुलाबी स्टोन होता है उसे धारण करें। यदि यह रत्न दिल की अकृति में तराश कर पहने जाये तो अति शीघ्र लाभ होता है।
रूठी प्रेमिका या प्रेमी-दो फिरोजा या दो रोज क्वार्टज या दो हीरा या दो मैगिनेट स्टोन एक साथ खरीदें एक रत्न प्रेमी या प्रेमिका को भेंट करें और दूसरा स्वयं पहन लें।
बच्चों के रोग-यदि 5 साल से छोटा बच्चा बार-बार बीमार या चोटग्रस्त होता है, तो एक अंग्रेजी के 8 के आकार का पैडल बनवायें, उसमें एक में 5 रत्ती का मोती और दूसरे में 5 रत्ती का पन्ना दोनों एक साथ जड़वाकर सोमवार या पूर्णमासी को बच्चे के गले में पहना दें, बचपन के रोगों से छुटकारा मिल जायेगा।


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