बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या है गुमशुदा बच्चों के लिए केंद्र की व्यवस्था न होना

झांसीं डा. नीता साहू सदस्य, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा निरीक्षण भी किया एवं आवास विकास सेक्टर नंबर वन आंगनबाड़ी में गोद भराई कार्यक्रम में भाग लिया। जिसमें उन्होंने दो महिलाओं को लाभान्वित भी किया गया, जिसमें मंजू श्रीवास पत्नी उमाकांत, नजमी खान पत्नी लियाकत खान तथा स्कूलपूरा प्रथम आंगनबाड़ी केंद्र में भी गोद भराई के दौरान रजिया खान व पत्नी सलमान खान को लाभान्वित किया गया। डा नीता साहू सदस्या राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा मैडीकल मे पायी गई बच्ची का नामकरण किया। उस बच्ची का नाम अपूर्वी रखा गया। उन्होने कहा नाम पाना सभी बच्चो का अधिकार है। इसके उपरांत सर्किट हाउस के सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से समीक्षा बैठक में समस्याओं की जानकारी व योजनाओं की जानकारी ली।
सदस्या ने बताया कि बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या है कि गुमशुदा बच्चों के लिए केंद्र की व्यवस्था नहीं है जिस कारण बच्चो कानपुर या ललितपुर भेजा जाता है, जिससे उनको लाने व ले जाने में दिक्कत होती है। इस हेतु शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया गया, जिससे झांसी में बच्चों के लिए पुनर्वास केंद्र की व्यवस्था हो सके। समीक्षा के दौरान उन्होंने अल्पसंख्यक अधिकारी अमित  प्रताप सिंह से मदरसों के बारे में जानकारी ली। इस पर जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने बताया कि सभी मदरसों में एनसीईआरटी बुक से पढ़ाई की जा रही है और आधुनिक शिक्षा पर अधिक जोर दिया जा रहा है जिससे मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को लाभान्वित किया जा सके। डा नीता साहू ने श्रम विभाग के अधिकारी से ढाबों और होटलों में कितने बच्चों कार्य करने एवं उनको छुड़ाने हेतु क्या-क्या कार्य किए गए। श्रम विभाग अधिकारी बताया कि रेस्क्यू के माध्यम से बच्चों को छुड़ाया गया जो किराना किराना स्टोर, होटलों, ढाबों में किसी मजबूती से काम करते हुए पाए गए जिनको छुड़ाकर उन्हें उचित शिक्षा व रहने की व्यवस्था का प्रबंध किया गया। डा नीता साहू ने बतलाया है कि ऐसे बच्चों के लिए शासन के तहत एक परिवार के 2 बच्चों के भरण पोषण हेतु 2000 प्रतिमाह देने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में बजट हेतु शासन को पत्र लिखा गया। गुमशुदा बच्चों के लिए कौशल विकास मिशन में जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं, जिसमें उनको प्रशिक्षण देकर उनके मनपसंद कार्य में प्रतिभाग करने हेतु प्रेरित किया जाए। भीख मांगने वाली बच्चो व रेलवे स्टेशनों पर गुमशुदा बच्चों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था के लिए भी कहा है और ऐसे बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में भेजकर शिक्षा और खाने-पीने की व्यवस्था को कराया जाए, जिससे उन बच्चों को सारी सुविधाएं मिल सकें। समीक्षा बैठक से पूर्व मा सदस्या जी का बुके देकर स्वागत किया गया और फिर सभी अधिकारीगण से परिचय प्राप्त किया। 
इस अवसर पर सीओ सिटी संग्राम सिंह, जिला प्रोवोशन अधिकारी नंदलाल सिंह, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी अमित प्रताप सिंह, डा ममता जैन सदस्य बाल कल्याण समिति, प्रियंका गुप्ता महिला कल्याण अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। 


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