कोरोना: शनि-राहू योग संक्रामक महामारी

- 1 मार्च 1720 को योरोप मे प्लेग फैला और लाखों लोग मारे गये इस दिन वृश्चिक मे शनि व चन्द्र युति तथा कर्क मे राहू था, शनि चन्द्र व राहू की त्रिकोण युति मे प्लेग की महामारी फैली। 
- 1 मार्च 1820 को मीन मे शुक्र शनि व राहू योग था कुंभ में सूर्य गुरू बुध योग था तथा गुरू व शनि मे राशि परिवर्तन था शनि व राहू योग के कारण कालरा की महामारी फैली और लाखों लोग मारे गये। 
- 1 मार्च 1929 मे सूर्य कुंभ मे शनि सिंह में तुला मे मंगल व राहू तथा मिथुन मे चन्द्र था शनि व सूर्य मे राशि परिवर्तन था अतः शनि कुंभ मे गया उससे त्रिकोण मे मंगल, चन्द्र व राहू थे जिसके कारण भयानक स्पैनिश फलू की जानलेवा महामारी फैली और 2 से 5 करोड़ लोग मारे गये थे।
- 2020 मे कोरोना की महामारी भयानक रूप से तब फैली जब 23 जनवरी 2020 को शनि मकर मे गया और वैसे तो मिथुन के राहू शनि से षष्ठाष्ठक योग मे है। परन्तु कुंभस्थ बुध वक्री होकर मकर फल दे रहा है। और बुध शनि योग बना रहा है बुध राहू का राशीश होकर राहू का प्रतिनिधित्व कर रहा है। 31 मार्च, 2020 को गुरू के मकर राशि मे गोचर करते ही होते ही वायरस कन्ट्रोल होने लगेगा तब गुरू शनि की युति ब्रह्म योग (धर्माधिकारी योग) बनायेगी गुरू नीच भंग योग बनायेगा पुण्य कारक शनि व कर्म व रोग कारक शनि की युति रोग का नाश करेगी। 


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