शहर समता विचार मंच के तत्वावधान में प्रयागराज के वरिष्ठ कवि अशोक स्नेही जी की अध्यक्षता में एक आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ । इस काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि वरिष्ठ गजलकार तलब जौनपुरी एवं विशिष्ट अतिथि आ. शंभु नाथ त्रिपाठी थे। आयोजन का प्रारम्भ माँ सरस्वती जी को मालार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया और सरस्वती वंदना संयोजिका रचना सक्सेना द्वारा प्रस्तुत की गयी। डा. नीलिमा मिश्रा के प्रभावशाली एवं सुंदर संचालन द्वारा प्रयागराज के अनेक कवि एवं कवयित्रियों नें अपनी सुंदर-सुंदर रचनाओ को पटल पर रख अपने भावों का आदान-प्रदान किया। इस काव्य गोष्ठी का संयोजन श्रीमती रचना सक्सेना एवं राजेश सिंह राज ने किया। इस काव्य गोष्ठी में रचना सक्सेना, गीता सिंह, मीरा सिन्हा, प्रेमा राय, तलब जौनपुरी, उमा सहाय शिवानी मिश्रा, शिवराम गुप्ता, कविता उपाध्याय, जया मोहन, मुकुल मतवाला, वी के तिवारी, संजय सक्सेना, शंभुनाथ त्रिपाठी, महक जौनपुरी, नीना मोहन, सरिता श्रीवास्तव, उर्वशी उपाध्याय, राजेश सिंह राज, ऋतन्धरा मिश्रा, अभिषेक केसरवानी, उमेश श्रीवास्तव, डा. नीलिमा मिश्रा, अशोक स्नेही आदि कवि कवयित्रियों ने शिरकत की।
मनुष्य का जीवन अपने आसपास के वातावरण से ही प्रभावित होता है। व्यक्ति के आस-पास के पशु पक्षी उसके जीवन का अभिन्न अंग है। भारतीय ऋर्षियों तथा संसार के अध्यात्मवादियो ने संसार के पक्षियों को ना केवल ज्योतिष तथा मनुष्य के भाग्य से जोड़ा है। बल्कि पक्षियों को उपयोग शकुन ज्योतिष, फलित तथा प्रष्न ज्योतिष तथा अनेकों ज्योतिष, तांत्रिक उपचारों और शारीरिक मानसिक रोगों के निवारण में किया है। भारत मे पंच प़क्षी शास्त्र, कल्ली पुराण पर आधारित तोते द्वारा भविष्यवाणी, पक्षी तंत्र तथा शकुन ज्योतिष का प्रयोग आदिकाल से ही किया जाता है भारत मे गरूड़ जी, नीलकंठ, काकभुषुंडी,, हंस, जटायु व संपाती, शुकदेव जी आदि दिव्य पक्षियों तथा अनेक देवी देवताआंे वाहन के रूप मे पक्षियों को प्रयोग किये जाने का वर्णन है। जैसे भगवान विष्णु का गरूड़, कार्तकेय जी का मयूर, माता लक्षमी का उल्लू, विश्वकर्मा, वरूण जी तथा स्वरसती जी का हंस आदि शनिदेव का कौआ आदि का प्राचीन काल मे पक्षियों द्वारा डाक सेवा युद्ध संबधी शकुन का भी काम लिया जाता था पक्षियों को स्वतंत्रता, नवीन विचारों, आनंद, तनाव, मुक्ति, प्रषंसा, यष, धन्यवाद देने, प्रजनन श