डिजाइनिंग आनलाइन असेसमेन्ट

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम (प्रथम कैम्पस), लखनऊ की जूनियर कोआर्डिनेटर सुश्री कनिका कपूर ने ‘डिजाइनिंग आनलाइन असेसमेन्ट’ विषय पर आयोजित एक वेबिनार को सम्बोधित करते हुए अपने सारगर्भित विचारो से आनलाइन शिक्षक की आवश्यकता पर शिक्षा जगत को जागरूक किया एवं आनलाइन टीचिंग-लर्निंग को छात्रों के लिए उपयोगी, लाभदायक एवं प्रभावशाली बनाने के तौर-तरीकों पर देश-विदेश के शिक्षाविद्ों से सार्थक परिचर्चा की। यह एक राष्ट्रीय स्तर की वेबिनार थी जिसमें देश-विदेश के लगभग 1000 शिक्षाविद् ने प्रतिभाग किया। वेबिनार का आयोजन एफ.आई.सी.सी.आई.-एराइज के तत्वावधान में दूरस्थ स्कूलिंग पर आधारित ‘टीचिंग फाॅर द न्यू नार्मल’ विषयक विभिन्न वेबिनारों की श्रृंखला के अन्तर्गत सम्पन्न हुआ। इस वेबिनार के प्रमुख वक्ताओं में श्री मनीष जैन, चेयरमैन, फिक्की-एराइज एवं को-फाउण्डर एवं डायरेक्टर ‘द हेरिटेज ग्रुप आफ स्कूल्स’, श्री प्रमोद कुमार, डिपार्टमेन्ट आफ स्कूल एजूकेशन, हरियाणा, सुश्री अर्बिल दुलुडे मेटोस, हेड आफ डिजाइन, न्यूटन कालेज, लीमा, पेरू एवं सुश्री चित्रा बालाजी, मैथ फैकल्टी, डेलही पब्लिक स्कूल, नाशिक शामिल थी जबकि वेबिनार का संचालन सुश्री पल्लवी द्विवेदी, संस्थापिका, हायर, ने किया।
 वेबिनार में अपने विचार रखते हुए सुश्री कनिका कपूर ने कहा कि हम लाॅकडाउन के काफी पहले से ही आॅनलाइन शिक्षा के लिए तैयार थे। शिक्षक के रूप में हमारा कार्य मात्र लेक्चर देेने तक ही सीमित नहीं है अपितु  हम पढ़ाई का प्रतिफल भी सुनिश्चित करते हैं, इसीलिए असेसमेन्ट भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि लेक्चर। प्रोजेक्ट, लेख, टेस्ट, प्रजेन्टेशन एवं फ्लिप टीचिंग आदि छात्रों के लिए विषयों का समझने में बेहद मददगार साबित होते हैं, साथ ही शिक्षकों को भी छात्रों की प्रतिभा व ज्ञान को पहचानने में मदद मिलती है तथापि टीचिंग-लर्निंग का लाभदायक परिणाम प्राप्त होता है। उन्होंने गूगल फाम्र्स, एजूपजल, खान एकेडमी एवं लाइट सेल जैसेे चार शैक्षिक माध्यमों पर विस्तार से जानकारी दी, जिनके साथ मिलकर सी.एम.एस. कार्य कर रहा है।


इस अवसर पर श्री मनीष जैन ने शिक्षकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वही वर्तमान समय के वास्तविक हीरो हैं। उन्होंने नये तौर-तरीकों के साथ पढ़ने-पढ़ाने के उनके हौसले की भरपूर प्रशंसा की।
 श्री प्रमोद कुमार ने फ्लिप ग्रिड जैसे विभिन्न शैक्षिक टूल्स पर प्रकाश डाला जिसके माध्यम से छात्र वीडियो पर शिक्षकों से बातचीत कर सकते हैं। इसके साथ ही काहूत जैसे शैक्षिक टूल्स भी हैं जिन पर छात्रों के लिए क्विज उपलब्ध है।
 सुश्री चित्रा बालाजी ने इस बात पर जोर दिया कि आनलाइन शिक्षण में प्रश्न ओपेन-इन्डेड होने चाहिए जिससे कि सवालों का सिलसिला बना रहे और छात्र एक-एक प्रश्न का हल करते हुए आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि आनलाइन क्विज एवं पढ़ाई की समीक्षा में बहुत महत्वपूर्ण है।
 इसी प्रकार, अन्य वक्ताओं ने भी प्रभावशाली रिमोट स्कूलिंग की महत्ता पर सारगर्भित विचार व्यक्त किये।


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