श्रमजीवी नारी का सजीव चित्रण है अर्विना गहलोत: कविता उपाध्याय

प्रयागराज ईकाई के तत्वावधान मे प्रयागराज ईकाई की अध्यक्ष रचना सक्सेना और महासचिव ऋतन्धरा मिश्रा जी के संयोजन मे एक समीक्षात्मक परिचर्चा का आयोजन प्रयागराज की  एक वरिष्ठ कवयित्री अर्विना गहलोत जी पर केन्द्रित रहा। इस परिचर्चा के अंतर्गत उनकी पुस्तक देहरी के गुलमोहर काव्य संग्रह से ली गई कुछ रचनाओं पर प्रयागराज की वरिष्ठ कवयित्रियों एवं साहित्यकारों ने अपने विचार प्रस्तुत किये। उनकी रचनाओं पर कविता उपाध्याय जी के अनुसार अर्विना जी वनस्पति विज्ञान में अपनी पैठ रखती हैं संभवतः इसी कारण प्रकृति से उनका विशेष जुड़ाव है। 
वह गुलमोहर को संभवतः एक बुजुर्ग अथवा पूर्वज से तुलना करती हैं जो हर परिस्थिति में उनकी देहरी पर अडिग खड़ा है साथ ही लूं थपेड़ों से उनकी रक्षा करके खूबसूरत लाल पुष्पों से जीवन में सुकून भर देता है ।
दूसरी जगह है वह सूखी दरखत को देखकर चिड़िया के माध्यम से संदेश दे रही हैं कि नारी अबला नहीं सबला है श्रमजीवी नारी का सजीव चित्रण है। देवयानी जी के अनुसार देहरी के गुलमोहर भावनात्मक कविता है। जिसे कवयित्री ने पूर्वज कहा है। पूर्वज हो तुम मेरे वर्षो से दुआ बनकर दरखत कविता भी हृदय को छू जाती है। जब सूखे दरखत की डाली पर निर्विकार भाव लिए। शून्य में ताकती हुई एक चिड़िया लाइन की घूंट को पाठक पीता है। इसमे कवयित्री ने पाठकों को भी चेताया है, उस चिड़िया की चिन्ता जनक दशा देख कि आज किस बात की सजा मिली। हाँ सड़क बनाती हूँ कविता भी तपती दोपहरी का एक करुण दृश्य है। वो औरत जिसके पीठ पर बँधे बच्चे के आँसू गालो पर सूख चुके थे कोलातार और सूरज की तपन में वो ईमानदारी निभाती है।
हार न मांनूगी मे कवयित्री ने तेरी मोहब्बत में हर इम्तहान पार कर जाती हूँ कह कर मोहब्बत का ताकत दर्शाया है। चाहे आग का दरिया पार करना हो अथवा भूखे पेट सो जाना हो। कवियित्री का विषय चयन,सोच वर्णन मे नूतनता है। प्रभावी चिंतन है। वरिष्ठ कवयित्री उमा सहाय जी के अनुसार कि अर्विना गहलोत जी साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित प्रतीत होती है नई कविता को सिद्धहस्तता से लिखना उनकी विशेषता है आगे वह लिखती है कि अर्विना गहलोत जी की लेखनी सशक्त है वह आज की त्रासदियों को बड़ी खूबी से उकेरती है एवं नयी कविता की प्रणेता है। प्रेमा राय जी के अनुसार अर्विना जी अपनी बहुरंगी सोच को कविताओं में उकेरने में अत्यंत सक्षम एवं सफल है हर कविता उनकी सशक्त विचारधारा का प्रतिबिंबिन है। डा. सरोज सिंह जी के अनुसार अर्विना जी अपने समसामयिक संदर्भों के प्रति सचेत एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक तथा अनेक संभावनाओं से परिपूर्ण रचनाकार है। मीरा सिन्हा जी कहती है अर्विना जी एक समर्थ रचनाकार है उनकी रचनाओं में संवेदनाओं का बाहुल्य है। जय श्री जी के अनुसार अर्विना जी विज्ञान की विद्यार्थी होने के बाद भु साहित्य से अच्छी पकड़ रखती है। वे नवगीत में महारथ रखती है। कविताऐं अतुकांत भाव पूर्ण व अर्थ पूर्ण है। यह आयोजन महिला काव्य मंच पूर्वी उत्तर प्रदेश की अध्यक्षा आ मंजू पाण्डेय जी की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ ।


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