कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जहां सरकार व प्रशासन प्रतिदिन जरूरतमंद लोगों को भोजन, मास्क आदि वितरण के साथ ही प्रवासी श्रमिकों को उनके गन्तब्य तक पहुचाने में सराहनीय कार्य कर रही है। वही स्वयं सेवी संस्थाए व अन्य जनों द्वारा भी भोजन, मास्क आदि वितरण कर कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में स्नेहकन्ति चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष स्नेहलता द्विवेदी द्वारा भी ब्लाक राही, गोराबाजार, बरगद चैराहा के निकट जरूरतमंदों व दुकानों पर आये जनों को मास्क आदि निःशुल्क वितरण किया उन्होंने बताया कि घरों से जब भी कार्य हेतु आना-जाना है तो मास्क का प्रयोग करना है। कोरोना से डरना नही है बल्कि संक्रमण से खुद को बचाना जरूरी है। हम सब मिलकर प्रयास करें और सावधानी बरते तो कोरोना वायरस की चैन को तोड़ सकते है तथा कोरोना पर नियंत्रण पा सकते है। स्नेहलता द्विवेदी ने कलेक्ट्रेट के कर्मचारी सुधाशू, कई पत्रकारों को भी निःशुल्क मास्क का वितरित किये है।
मनुष्य का जीवन अपने आसपास के वातावरण से ही प्रभावित होता है। व्यक्ति के आस-पास के पशु पक्षी उसके जीवन का अभिन्न अंग है। भारतीय ऋर्षियों तथा संसार के अध्यात्मवादियो ने संसार के पक्षियों को ना केवल ज्योतिष तथा मनुष्य के भाग्य से जोड़ा है। बल्कि पक्षियों को उपयोग शकुन ज्योतिष, फलित तथा प्रष्न ज्योतिष तथा अनेकों ज्योतिष, तांत्रिक उपचारों और शारीरिक मानसिक रोगों के निवारण में किया है। भारत मे पंच प़क्षी शास्त्र, कल्ली पुराण पर आधारित तोते द्वारा भविष्यवाणी, पक्षी तंत्र तथा शकुन ज्योतिष का प्रयोग आदिकाल से ही किया जाता है भारत मे गरूड़ जी, नीलकंठ, काकभुषुंडी,, हंस, जटायु व संपाती, शुकदेव जी आदि दिव्य पक्षियों तथा अनेक देवी देवताआंे वाहन के रूप मे पक्षियों को प्रयोग किये जाने का वर्णन है। जैसे भगवान विष्णु का गरूड़, कार्तकेय जी का मयूर, माता लक्षमी का उल्लू, विश्वकर्मा, वरूण जी तथा स्वरसती जी का हंस आदि शनिदेव का कौआ आदि का प्राचीन काल मे पक्षियों द्वारा डाक सेवा युद्ध संबधी शकुन का भी काम लिया जाता था पक्षियों को स्वतंत्रता, नवीन विचारों, आनंद, तनाव, मुक्ति, प्रषंसा, यष, धन्यवाद देने, प्रजनन श