हर किसी के चहेते थे सरदार अजीत सिंह

सिविल डिफेंस के डिप्टी चीफ वार्डेन एवं कर्मचारी नेता सरदार अजीत सिंह एक सच्चे देशभक्त और सामाजिक कार्यकर्ता थे, वे हर किसी के सुख-दुख में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे, उनके निधन से एक युग का समापन हो गया है। उनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला था, वे मेरे संरक्षक की तरह थे। यह बात साहित्यिक संस्था गुफ्तगू के उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह तन्हा ने गुफ्तगू द्वारा आयोजित आनलाइन शोक सभा में कही। संस्था के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा कि सरदार अजीत सिंह हम सबके मार्गदर्शक की तरह थे, हर मौके पर काम आते थे। पूरा प्रयागराज शहर उनका दिल से सम्मान करता था, हर किसी व्यक्ति के आवश्यक कार्य में वे सबसे पहले पहुंचने वाले व्यक्ति होते थे। उनके कार्यों को देखते हुए ही वर्ष 2018 में उन्हें गुफ्तगू द्वारा ‘शान-ए-इलाहाबाद’ सम्मान प्रदान किया गया था। वे हर किसी के चेहते थे।
डाॅ. नीलिम मिश्रा ने कहा कि सरदार अजीत सिंह एक सच्चे देशभक्त, आदर्श नागरिक, उच्च मानवीय मूल्यों को अपने समेटे हुए थे, उनका दुनिया से चला जाना ऐसी अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई करना संभव नहीं है। केंद्रीय विद्यालय की शिक्षिका अर्चना जायसवाल ने कहा कि गुफ्तगू के बड़े प्रशंसक सरदार अजीत सिंह का भौतिक जगत से पंचतत्व में विलीन होना प्रयागराज के लिए भारी क्षति है। संजय सक्सेना, शिवाजी यादव, रेशादुल इस्लाम, अनिल मानव, प्रभाशंकर शर्मा, नीना मोहन श्रीवास्तव, शैलेंद्र जय, नरेश महरानी, सरदार अमरजीत सिंह, अफसर जमाल, दयाशंक प्रसाद, इश्क सुल्तानपुरी और संजय सागर ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया।
फाइल फोटो - वर्ष 2018 में गुफ्तगू सरदार अजीत सिंह को ‘शान-ए-इलाहाबाद’ सम्मान प्रदान करते न्यायमूर्ति अशोक कुमार, नरेश महरानी, सफदर अली काजमी और स्व. उमेश नारायण शर्मा


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