सभी अंतरिम आदेशों को उच्च न्यायालय न्यायपालिका द्वारा इलाहाबाद के साथ-साथ लखनऊ, सभी जिला न्यायालयों, सिविल न्यायालयों, परिवार न्यायालयों, श्रम न्यायालयों, औद्योगिक न्यायाधिकरणों और राज्य के अन्य सभी न्यायाधिकरणों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेश, जिस पर यह न्यायालय शक्ति है। जो 29 जून 2020 के बाद समाप्त हो रहे है 10 जुलाई 2020 तक काम करना जारी रखेगा। लेकिन यह स्पष्ट हैं कि यह अंतरिम आदेश जो सीमित अवधि के नहीं हैं और तब तक काम करना है जब तक अगले आदेश अप्रभावित नहीं रहंेगे।
यदि किसी को एक विशेष अवधि के लिए अंतरिम उपाय के रूप में प्रत्याशा में जमानत दी गई है और वह अवधि 29 जून को या उससे पहले समाप्त होने जा रही है, तो 10 जुलाई तक विस्तारित होगा। इसी प्रकार यदि कोई हो संघर्ष में निशान या किशोर को जमानत पर बढ़ाया गया है, हालांकि एक न्यायिक आदेश और इस तरह के इजाफा की अवधि 29 जून 2020 को या उससे पहले समाप्त होने जा रही है तो 10 जुलाई तक विस्तारित होगी।
यदि बेदखली, फैलाव या विध्वंस के किसी भी आदेश को उच्च न्यायालय, जिला या सिविल न्यायालयों द्वारा पहले ही पारित कर दिया गया है, तो 10 जुलाई तक उसी का पालन किया जाएगा या अदालत के किसी भी आदेश के पास, जो भी पहले हो।
यह आदेश सभी न्यायिक अधिकारियों के बीच परिचालित किया जाएगा। यह जानकारी जिला न्यायालय रायबरेली की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।
यह जानकारी जिला जज अनूप कुमार गोयल द्वारा दी गई है।
मनुष्य का जीवन अपने आसपास के वातावरण से ही प्रभावित होता है। व्यक्ति के आस-पास के पशु पक्षी उसके जीवन का अभिन्न अंग है। भारतीय ऋर्षियों तथा संसार के अध्यात्मवादियो ने संसार के पक्षियों को ना केवल ज्योतिष तथा मनुष्य के भाग्य से जोड़ा है। बल्कि पक्षियों को उपयोग शकुन ज्योतिष, फलित तथा प्रष्न ज्योतिष तथा अनेकों ज्योतिष, तांत्रिक उपचारों और शारीरिक मानसिक रोगों के निवारण में किया है। भारत मे पंच प़क्षी शास्त्र, कल्ली पुराण पर आधारित तोते द्वारा भविष्यवाणी, पक्षी तंत्र तथा शकुन ज्योतिष का प्रयोग आदिकाल से ही किया जाता है भारत मे गरूड़ जी, नीलकंठ, काकभुषुंडी,, हंस, जटायु व संपाती, शुकदेव जी आदि दिव्य पक्षियों तथा अनेक देवी देवताआंे वाहन के रूप मे पक्षियों को प्रयोग किये जाने का वर्णन है। जैसे भगवान विष्णु का गरूड़, कार्तकेय जी का मयूर, माता लक्षमी का उल्लू, विश्वकर्मा, वरूण जी तथा स्वरसती जी का हंस आदि शनिदेव का कौआ आदि का प्राचीन काल मे पक्षियों द्वारा डाक सेवा युद्ध संबधी शकुन का भी काम लिया जाता था पक्षियों को स्वतंत्रता, नवीन विचारों, आनंद, तनाव, मुक्ति, प्रषंसा, यष, धन्यवाद देने, प्रजनन श