कवयित्री सम्मेलन का आयोजन

74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संस्कार भारती, प्रयागराज इकाई द्वारा कवयित्री सम्मेलन का आनलाइन आयोजन किया गया। संस्था की अध्यक्ष कल्पना सहाय ने समस्त कवयित्रियों तथा अतिथिगण का शब्द-सुमनों से स्वागत किया।अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री जया मोहन ने की।
युवा-कवयित्री नीना मोहन ने माॅ शारदा की वंदना के पश्चात अपनी रचना ष्भारत के उज्जवल मस्तक पर नाम लिखा है तुम्हारा। मिट कर तुमनें अमर किया है जग में नाम तुम्हारा।। का सस्वर पाठ कर श्रोताओं को आल्हादित कर दिया। श्रीमती रेनू मिश्रा ने ऐ लाल मेरे मैंने तुझको भेज दिया रणभूमि में,तिरंगा ध्वज लहराये सदा भान तुझे रखना होगा।। सुनाकर मन में राष्ट्रीय भावना को उद्वेलित कर दिया।वरिष्ठ कवयित्री गीता सिंह ने ष्भारत माँ का सम्मान बढ़े। जब खाकी सीना तान चले।। सुनाकर श्रोताओं में जोश पैदा कर दिया।प्रतिष्ठित कवयित्री ललिता नारायणी ने अपने भावपूर्ण गीत तुम होते तो भरी अमावश पूनम का पखवारा होता ,तुम सरहद पर दीप जलाते ढ्योडी पर उजियारा होता।। और उसकी मीठी प्रस्तुति से एक अलग ही पहचान बनायी। गमंच की जानी-मानी अभिनेत्री एवं स्थापित कवयित्री ऋतंधरा मिश्रा की रचना सैकड़ों-सैकड़ों बार उनको नमन। ओढ़ कर जो गए हैं तिरंगा कफन।। ने अपनी अमिट छाप छोड़ दी।नीलिमा मिश्रा ने सुरीले स्वरों में करेंगे हम अपने चमन की हिफाजत। हमारा है मकसद वतन की हिफाजत।। गजल सुनाकर कार्यक्रम में समा बांध दिया। वरिष्ठतम कवयित्री ने अध्यक्षीय काव्य-पाठ में बहुत प्यार करते हम तुमसे वतन। कसम खा रहे भारत माता की हम।। सुनाकर देश प्रेम की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के अंत में संस्था के मंत्री एवं कार्यक्रम के संयोजक योगेन्द्र कुमार मिश्रा ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। संस्था के कोषाध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने प्रस्तुति में तकनीकि सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रमुख सनातन दुबे जी तथा काशी प्रांत के संगठन मंत्री दीपक शर्मा भी उपस्थित रहे।


 


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