निषाद समुदाय का दर्द

स्वर्गीय फूलन देवी की एक सच्ची कहानी फूलन देवी एक एकलव्य सेना बनाना चाहती थी लेकिन कुछ राजनेताओं के इशारों पर उनकी हत्या कर दी जाती है जिससे निषाद समुदाय का उत्थान ना हो सके लेकिन फूलन देवी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले जुझारू नेता जूठन राम निषाद द्वारा एकलव्य समाज पार्टी का गठन किया गया और फूलन देवी के सपने को साकार किया गया लेकिन अब 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कराने का बीड़ा उठाया गया है। 18 सितंबर 2001 को जूठन राम निषाद जी द्वारा सहकारिता भवन लखनऊ में 17 अति पिछड़ी जातियों का एक समारोह आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी द्वारा 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कराने की घोषणा कराई गई और प्रस्ताव केंद्र को भिजवाया गया गया फिर उसके बाद 2014 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह जी को उनके द्वारा किए गए वादों को याद कराया गया और भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में 17 अति पिछड़ी जातियों को शामिल कराने की घोषणा लिखित रूप में कराई गई लेकिन इतना समय बीत जाने पर भी 17 अति पिछड़ी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल नहीं कराया गया है जिससे 17 अति पिछड़ी जातियों के एक गहरा धक्का सा लगा है एकलव्य समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जूठन राम निषाद द्वारा मांग की जाती है कि भारतीय जनता पार्टी अपना वादा पूरा करें और 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कराए तभी 17 अति पिछड़ी जातियों और एकलव्य समाज पार्टी का विश्वास  आगे भी भारतीय जनता पार्टी के साथ बना रहेगा।


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