जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

उन्नाव कलेक्ट्रेट स्थित पन्नालाल सभागार में जिलाधिकारी श्रीमती अपूर्वा दुबे की अध्यक्षता तथा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीना की उपस्थिति में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा ब्लैक स्पाट्स के निरीक्षण एवं सुधारात्मक कार्यवाही, डग्गामार अनाधिकृत वाहन संचालन, ओवरलोडिंग, राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय राजमार्गो पर मार्ग दुर्घटनाओं से घायल व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने एवं निर्धारित लोकेशन पर एम्बुलेन्सों की उपलब्धता, एन.एच.ए.आई.-यू.पी.डा. के टोल प्लाजा पर उपलब्ध एम्बुलेन्स तथा क्रेनों के संचालन, मोडीफाइड साइलेंसर, प्रेशर हार्न एवं प्रदूषण युक्त वाहनों के सम्बन्ध में कार्यवाही, बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से स्कूल, कालेजों में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन एवं चालक-परिचालक के लाईसेंस एवं चरित्र सत्यापन, स्कूलों में संचालित वाहनों के फिटनेस एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्दिष्ट मानकों के सम्बन्ध में यथोचित दिशा-निर्देश एवं व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस में गुणात्मक सुधार, नेशनल हाईवे पर अनाधिकृत संचालित ढाबों के विरूद्ध की गयी कार्यवाही, राजमार्गों पर जाम की स्थिति से निपटने के लिये की गयी कार्यवाही एवं वाहनों के सुगम संचालन चालकों के ड्राइविंग लाइसेन्स के निलम्बन-नरस्तीकरण की कार्यवाही, उ.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम की वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं की स्थिति पर विचार एवं मृत तथा घायल व्यक्तियों को वितरित धनराशि का अनुश्रवण एवं सड़क दुर्घटनाओं में दी गयी सहायता आदि की समीक्षा की गयी। समीक्षा में प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले में कुल 26 ब्लैक स्पाटस चिन्हित किए गए हैं। जनवरी 2022 से अब तक कुल 2955 ओवरलोड माल वाहनों का चालान कर 276.86 लाख रूपए का प्रशमन शुल्क बसूला गया है तथा 559 ओवरलोड वाहनों को बंद किया गया है। 330 डग्गामार बसों के चालान किये गए हैं तथा 20 बसें बन्द कराई गई हैं। यातायात पुलिस द्वारा 252 डग्गामार तथा 133 ओवरलोड वाहनों के चालान किये गए हैं। प्रवर्तन कार्रवाही में प्रेशर हार्न के 635 तथा प्रदूषण प्रमाण पत्र वैध न होने पर 712 चालान किये गए हैं। आरटीओ के अनुसार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने में उद्देश्य से स्कूलों तथा कालेजों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से 6285 छात्र-छात्राओं तथा 685 वाहन चालकों को जागरूक कराया गया है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने आरटीओ को सख्त निर्देश दिये कि अनफिट स्कूली वाहन, जो स्कूली वाहनों के मानक पूरे नहीं करते हैं, उन्हें किसी भी दशा में संचालित न करने दिया जाए। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के पूरे इंतेजाम किए जाएं। उन्होंने कहा कि अज्ञात वाहन से हताहत होने पर सोलेसियम स्कीम के तहत 2 लाख (मृत्यु की दशा में तथा चोट लगने पर रू पचास हजार की धनराशि से सम्बंधित को लाभान्वित कराया जाए। पूरे वर्ष में इस योजना से एक भी व्यक्ति को लाभान्वित न कर पाने पर आरटीओ पर कड़ी नाराजगी जाहिर की गयी। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि गुड समेरिटन से अच्छा व्यवहार किया जाए तथा समय-समय पर उन्हें पुरूस्कृत भी कराया जाए। उन्होंने सड़क सुरक्षा के सम्बंध में उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को शपथ दिलायी तथा सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अवश्य पहनें। चार पहिया वाहन चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट लगाएं। लेन ड्राइविंग के नियमों का पालन करें। तेज रफ्तार से वाहन नहीं चलायें। गलत दिशा में वाहन नहीं चलायें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें। शराब पीकर या नशें की हालत में वाहन न चलाएं। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद हेतु सदैव तत्पर रहें। दुर्घटना होने की स्थिति में किसी भी प्रकार की मदद लेने के लिए आपातकालीन सेवाएं 108 एवं 112 तथा हेल्पलाइन नम्बर 1800-1800-151 पर काल करें।

बैठक में जाइंट मजिस्ट्रेट, एसडीम सदर नूपुर गोयल, सिटी मजिस्ट्रेट विजेता, सीओ सदर आशुतोष कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन ए.के. सिंह, बीएसए संजय तिवारी, सूचना अधिकारी सतीश कुमार सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी गण मौजूद रहे।



 

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