शराब छुड़ाने के ज्योतिष उपाय

ज्योतिष के अनुसार सभी तरह के नशे का कारक ग्रह राहू है। चंद्रमा और शुक्र मादक शराब के कारक हंै। शराब को सोमरस के नाम से भी पुकारा जाता है, जो चंद्रमा से ही संबधित है। इसलिए, अगर कुंडली में चंद्रमा पर राहु का प्रभाव हो या चंद्रमा और शुक्र दोनों ग्रह एक साथ हों या परस्पर लग्न सप्तम में हो तो जातक शराबी हो जाता है। 

1. द्वितीय भाव मुख का है, यदि लग्न या चन्द्र से द्वितीय भाव में शनि या राहू जलीय ग्रह युत या जलीय राशि में हो या शुक्र चन्द्र के प्रभाव में हो तो जातक शराबी हो जाता है। 

2. यदि लग्न या चन्द्र से द्वितीय भाव मे चन्द्र या शुक्र या दोनों हों तथा शनि या राहू से दोनों से युत या दृष्ट हो तो तो जातक शराबी हो जाता है। 

3. अगर कुंडली में राहू पहले, दूसरे, सातवें या 12वें भाव में है, तो जातक के नशे का शिकार होने की पूरी संभावना होती है। यदि राहू या शनि वायु तत्व प्रधान राशियों मे ग्रह योग बनायें तो जातक धुंये वाला नशा जैसे सिग्रेट, गांजा, चरस, या स्मैक पियेगा, बुध के साथ या पृथ्वी तत्व प्रधान राशियों मे ग्रह योग बनायें तो जातक भांग, अफीम या अन्य नशीले पदार्थ को खायेगा नशा कारक ग्रहों पर मंगल का असर हो या नशा कारक ग्रह योग मंगल की राशियों में बने तो जातक ड्रग्स का नशा करेगा। 

4. अगर चन्द्र पर राहू, शनि और मंगल का भी प्रभाव हो तो समस्या बेहद गंभीर हो जाती है। और कभी-कभी जातक की सिरोसिस आॅफ लीवर की बीमारी या हार्ट अटैक से मृत्यु तक हो जाती है। 

5. अगर कुंडली में शुक्र के साथ राहू का त्रिकोणात्मक संबध हैं तो भी व्यक्ति शराबी हो जाता है। इस युति में अगर शुक्र नीच का है तो व्यक्ति शराब के साथ दूसरे नशे का आदी भी हो सकता है। अगर इन पर शनि और मंगल का प्रभाव हो तो हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते हैं।

6.  शुक्र चन्द्र की युति शराबी व अति कामी बनाती है। और भारी धन घर का विनाश करती है। 

7. लग्न, चन्द्र, गुरू व मंगल से द्वितीय भाव मे शुक्र चन्द्र की युति भी जातक को शराब का लती बनाती है। 

8. कोई व्यक्ति शराब तभी पीता है जब उसका चन्द्रमा राहू के साथ आद्र्रा, स्वाति अथवा शतभिषा नक्षत्र में होता है, या चन्द्रमा निर्बल होता है।

9. राहू अगर अपनी नीच राशि वृश्चिक में हो और चन्द्रमा पर शनि, मंगल, केतु की दृष्टि हो तो व्यक्ति को शराब की लत लग सकती है। शराब के ग्रह योगों के साथ यदि चन्द्र भी निर्बल हो तो जातक शराब पीकर अपना दिमागी सतंुलन खो देगा और खूब झगड़ा और गाली-गलौज करे।

10. यदि कुंडली मे उत्तम धन योग है, तो जातक मंहगा नशा जैसे विदेशी या अंग्रेजी शराब, हशीश अफीम करेगा पर अगर निधर्नता के योग है। तो जातक भांग देशी शराब पियेगा।

ज्योतिषीय उपाय:-

1. अगर चन्द्र व शुक्र पर बृहस्पति की दृष्टि हो तो जातक नशे की लत से आसानी से मुक्ति पा सकता है। यदि नशा के ग्रह योगो पर बली लग्नेश बृहस्पति की दृष्टि हो तो जातक नशे की लत से आसानी से मुक्ति पा सकता है। यदि चन्द्रमा या बुध जमंाक मे बली हो तो जातक कुछ समय तक नशा करके छोड़ देता है। कुडली मे सात्विक ग्रह तामससिक ग्रहों से बली हो तो भी जातक कुछ समय तक नशा करके छोड़ देता है। 

2. लग्नेश शुक्र बुध व चन्द्र को ग्रह को मजबूत करने से नशे से मुक्ति जाती है। इसके लिए शुक्रवार के दिन व्रत रख सकते हैं। 

2. शुक्रवार को किसी सुहागन स्त्री को सुहाग सामग्री दान दें। 

3. एक बोतल में ओपल रत्न रख दें। कुछ दिनों तक इस पानी को पियें तो शराब की लत छूट जाती है। 

4. 9 रत्ती से अधिक रत्ती का कटैला और ईरानी फिरोजा भी नशे से मुक्ति दिलाने वाला रत्न है। कटैला के इसी गुण के कारण प्राचीन काल में यूनानी लोग शराब पीकर भी खुद को होश में रखने के लिए कटैला के बर्तन में शराब पीते थे। पन्ना विष व नशा नाशक रत्न है।

5. रात में एक गिलास पानी मे कटैला या पन्ना या पेरीडाॅट डालकर रख दें प्रातः यह जल पी जाये इससे नशे की आदत से छुटकारा मिल जाता है। 

6. 7 रत्ती से अधिक रत्ती का शुद्ध पन्ना नशे की लत का नाश करता है। और नशे से मुक्ति दिलाता है।

7. एक 9 या 10 रत्ती का पेरीडाॅट रत्न गले मे धारण करें। 

8. एक पुखराज या सुनहला भी नशे को कन्ट्रोल करता है। 

9. पेड़-पौधों को नियमित रूप से जल से सींचे। 

10. रात मे मूंग की दाल या जौ रात मे भिगों कर प्रातः पक्षियों के लिये छिड़क दे। 

11. राहू व शनि की वस्तुओं का नियमित रूप से दान करें। 

12. हरे, पीले, सफेद या बैगनी वस्त्र धारण करें तथा काले भूरे, गहरे नीले कपड़े ना पहनें। 

13. कुंडली मे नशा कारक कठिन ग्रह योग हों या तामसिक ग्रह बली हो तो उन ग्रहों की होम अनुष्ठान से शांति करवायें।

14. यदि जातक ज्योतिष उपाय ना करने को राजी हो तो उसकी फोटो पर वांछित रत्नों की रोशनी डालकर भी नशो की आदत पर काबू किया जा सकता है। इसकी विधी हेतु पाठक लेखक से सम्पर्क करें। 

15. नशेड़ी मित्रों से दूर रहने के लिये पन्ना व पुखराज एक साथ पहनें।

16. कुडली मे विद्यमान ग्रह योगों के अनुसार पावमान सूक्त, गजेन्द्र मोक्ष, नील स्वरसती स्त्रोत सोम सूक्त का नियति पाठ करने से भी नशे की लत से छुटकारा मिल जाता है।

शराब छुड़ाने के मंत्र

शराब छोड़ने के लिए आप “ओम नम: भैरवाय” मंत्र का जाप कर सकते हैं. और भैरव दादा से शराब मुक्ति की प्रार्थना कर सकते हैं. शराब छुड़ाने के लिए यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली माना जाता हैं.

नोट- उपरोक्त उपाय किसी योग्य ज्योतिषी की परामर्श व देख-रेख में ही करें। 

डा. डी.एस. परिहार, मो.-9453416953


 

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