शिव दयाल सिंह चौरसिया के सोंच का परिणाम है लोक अदालत

उत्तर भारत के प्रमुख समाजसेवी एवं पूर्व सांसद शिव दयाल सिंह चौरसिया की 120वीं जयन्ती विभिन्न सामाजिक संगठनों के तत्वाधान में प्रकाश नगर रायबरेली में समता दिवस के रूप में मनायी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामसजीवन कोरी ने एवं संचालन राजेश कुरील ने किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओपी यादव ने कहा कि शिवदयाल सिंह चौरसिया ने समाज के जरूरतमंदों, गरीबों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों को निःशुल्क कानूनी सहायता देने का प्रयास किया।  उन्हीं के सोंच का प्रयास रहा कि अपने सांसदकाल में 1975 में भारतीय संविधान में अनुच्छेद 39-ए दिनांक 3.1.1975 को जुड़वाकर विधिक सहायता का मार्ग प्रशस्त किया, आज पूरे देश में लोक अदालत प्रभावी है। अम्बेडकरवादी नेता राहुल चौधरी ने कहा कि चौरसिया जी ने साइमन कमीशन का स्वागत किया था, कमीशन के समक्ष प्रस्ताव रक्खा था, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर से मिलकर सामाजिक उत्थान में योगदान दिया। पासी समाज के जिलाध्यक्ष देशराज पासी ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने चौरसिया को काका कालेलकर आयोग का सदस्य मनोनीत किया था, लेकिन प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू ने उस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डलवा दिया था। कार्यक्रम में शिवदयाल सिंह चौरसिया के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालने वालों में मुख्य रूप से पूर्व एडीजीसी राजेन्द्र यादव, ब्लाक प्रमुख राही राजू यादव, इं. एस.के. आर्या, इन्द्र कुमार वर्मा, नीरज रावत, सी.बी. गौतम, रामकुमार हेला, विनायक सोनकर, मास्टर राम भरोसे, अनिलकांत, प्रीतम कुमार, बी.एल. भारतीय, अनुपमा वर्मा, सरोज बाला, रामेश्वर भारतीय, ओम प्रकाश रावत, केतार पासी, शिवा रावत, सचिन रावत, पुरूषोत्तम रावत, धीरेन्द्र चौधरी आदि लोग प्रमुख थे।
 

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