यह सोचने का विषय है सोचिएगा जरूर


- मनोज मिश्रा, ब्यूरो चीफ, अयोध्या

कहते हैं एकता में बड़ी ताकत होती है, तो क्या आज हमारे भारत देश में हम लोगों के बीच में आपस में एकता है? नहीं। कहा जा सकता है, बेहतर जानवर! जो आज भी उनमें प्यार और एकता कायम है। आज इंसानों में जात-पात को लेकर भेदभाव इतना बढ़ गया है कि यह कब खत्म होगा इसकी कल्पना भी नहीं किया जा सकता। क्या कोई है जो यह बताएगा कि हमारे देश में जात-पात भेदभाव आखिर कब खत्म होगा?

कुछ गलत राजनीति नेताओं के कारण उनके दिए हुए भाषण के कारण लोग भटक जाते हैं और लोग आपस में प्यार भाई-चारा भूलकर के जात-पात की कहानी गढ़ने लगते हैं। इस तस्वीर में आप लोग देखिए कि ये जानवर किस तरह से प्यार और एकता बनाए हुए हैं क्या हम इन जानवरों से भी गए गुजरे हैं क्या हम आपस में प्यार और भाई-चारा नहीं बना सकते। जब यह बेजुबान जानवर इतना प्रेम-स्नेह और भाई-चारा आपस में रखते हैं बनाकर के तो हम इंसान क्यों नहीं? यह सोचने का विषय है सोचिएगा जरूर। आज मैं खबर कवरेज करने के लिए जब जा रहा था तो रास्ते में देखा की भेड़ों का झुंड गर्मी के कारण किस तरह से एक-दूसरे का सर इकट्ठा करके खड़े हुए हैं सर से सर को सटा करके मुझे बड़ा ही अद्भुत लगा किंतु जब मैं पास जाकर देखा तो मुझे क्या दिखाई दिया कि उन भेड़ों के बीच में छोटे-छोटे बच्चे हैं गर्मी से बच्चों को बचाने के लिए भेड़ों ने एकजुट होकर गोलाकार बना करके उन बच्चों को अपने सर के नीचे छुपा रखा है जो आप इस तस्वीर के माध्यम से देख सकते हैं। इसे कहते हैं एकता सही मायने में देखा जाए तो यही है एकता इसी तरह हम इंसानों को भी आपस में एक होकर रहना चाहिए जिससे आने वाली सभी तकलीफों से आसानी से निजात पाया जा सकता है।


 

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