एक सत्य घटना ज्योतिषी और प्रेत

- डी.एस. परिहार

1970-71 मे ज्योतिष से संबधित एक प्रेेतबाधा की सत्य घटना का वर्णन करते हुये बताया उस समय कानुपर के दक्षिणी सिरे पर स्थित अविकसित नौबस्ता मे एक युवा डाक्टर दयाल रहते थे घर पास उन्होंने पास ही क्लीनिक खोल रखी थी, नाम मात्र की आय से ही वो अपनी घर की गाड़ी चला रहे थे कुछ माह पूर्व ही उनकी शादी हुयी थी और इस घटना के समय पत्नी पहली बार गर्भवती हुयी थी उन्ही दिनो एक शाम एक आदमी उनके पास आया और बोला डाक्टर साहब मेरी बीबी बीमार है आप चल कर देख लें मै आपकी फीस यहीं दे देता हूँ और उसने सौ का नया नोट उनके सामने रख दिया जबकि उन दिनों डाक्टर की फीस चार आठ आने होती थी 100 रूपये देखकर उनकी आखें फटी रह गई डाक्टर साहब मेडिसिन बाक्स लेकर उसके साथ चल दिये यह क्षेत्र बिलकुल सुनसान था दूर-दूर पर एकाध मकान दिखते थे वह व्यक्ति उन्हें कुछ दूरी एक अधबने मकान मे ले गया कुंडी खटखटाई तो एक गजब की सुंदर युवती ने दरवाजा खोेला वह बीमार तो नही लगती थी उसकी आँखों मे एक अजीब सा आकर्षण और ना जाने कैसा अतृप्ति का भाव था क्या बीमारी है तुम्हें। सारे बदन मे दर्द रहता है, थकान रहती है, कुछ अच्छा नही लगता है, डाक्टर साहब ने उसे पहली बार गर्भवती होने का अंदाज लगा कर कुछ टानिक देते हुये पीने को कहा अगली रोज फिर वह व्यक्ति आया और बोला आपकी दवा से काफी फायदा है सौ रूपये देकर दवा ले गया फिर रोज यह होने लगा कभी वो डाक्टर साहब को घर ले जाता कभी केवल दवा बनवा कर ले जाता लगभग 22 दिन तक यह क्रम चला उन्हीं दिनों डाक्टर साहब को पता चला कि दुर्गा मंदिर मे कोई विद्वान ज्योतिषी आये है तो वो भी अपनी कुंडली लेकर पहुँचे और उन्होंने अपना भाग्य बताने की विनती की ज्योतिषी ने कुंडली देखने के बाद कहा आजकल तुम प्रेत बाधा से ग्रस्त हो जिसे तुम संपदा समझ रहे हो वह तुम्हारे सर्वनाश का जाल है। एक प्रेत तुमको रोज सौ रूपये देता है, उसकी बीबी का ईलाज करते हो वो सब छलना है। उस प्रेेत युगल ने तुम्हरी पत्नी के गर्भ को निर्जीव कर दिया है। उसके माया जाल से बचो नही तो सपरिवार नष्ट हो जाओगे। डाक्टर साहब आंतकित होकर घर वापस आ गये, शाम को फिर वही आदमी क्लीनिक पर आ गया और 100 रूपये देकर बोला डाक्टर साहब आज मेरे घर चलिये ज्योतिषी बात को बकवास समझ कर डाक्टर साहब उसके साथ चल दिये कानपुर आगरा हाईवे पर आधा रास्ता पार करने के बाद बंबा (छोटी नहर) की पटरी मिली अचानक आगे चल रहा आदमी पलटा और हिंसक स्वर मे बोला मेरा राज जानना चाहते थे ज्योतिषी के पास गये थे, बुलाओं उसे वो तुम्हे व तुम्हारे बच्चे को बचा ले और डाक्टर साहब को सर से उपर उठा कर नहर मे फेंक दिया देर रात तक जब डाक्टर साहब घर नही आये तो उनकी पत्नी ने उनके एक मित्र को उनको ढूंढने भेजा तो मित्र को उस अंजान आदमी द्वारा घर बुलाने की बात का पता चला चाँदनी रात थी मित्र डाक्टर साहब को ढूंढते हुये नहर पर गया तो उसे डाक्टर साहब के कराहने की आवाज आई पास जाकर देखा तो तो डाक्टर साहब थे किसी तरह वो उन्हें घर लाया उसी रात उनकी पत्नी के गर्भपात हो गया अगले दिन सुबह प्रेत के पैसे से खरीदा सारा सामान कपड़े बर्तन फर्नीचर गायब हो गया डाक्टर साहब कुछ दिन तक दिमागी तौर पर बीमार रहे जब कुछ स्वस्थ हुये तो आदमी से मिलने उसके घर गये तो आश्चर्य जिस मकान मे वो 15-20 बार जा चुके थे उस स्थान उस मकान वह ढूढ ही नही पाये। 


 

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