जैसा की कहा जाता है, जल ही जीवन है

- मनोज मिश्रा

जैसा की कहा जाता है, जल ही जीवन है लेकिन जल जो इंसान हो या जानवर पीते है यदि वो गन्दा हो मटमैला हो तो, जाहिर है ऐसे पानी को पीने से बीमारी को न्योता देना होगा और यही हो रहा है घर में टाइफाइड बीमारी की कतार लगी है।

मामला अयोध्या जिले की तहसील मिल्कीपुर का है। मिल्कीपुर तहसील सम्पूर्ण समाधान दिवस पर 3 जून, 2023 महेश कुमार जी नें एस.डी.एम. अमित कुमार जायसवाल और मिल्कीपुर तहसीलदार हेमंत कुमार गुप्ता जी को गन्दे मटमइले पानी के सन्दर्भ में प्रार्थना पत्र दिया। महेश नें बताया इण्डिया मार्का सरकारी नल लगा है उसमे गन्दा पानी निकलता है और हम सभी लोग उस गन्दे पानी को पीने पर मजबूर है। जब एस. डी. एम. ने पूछा ये गन्दा पानी आप लोग पीते कैसे है इसको पीने से तो लोग बीमार हो जायेंगे तो महेश कुमार नें बताया, घर में कोई न कोई टाइफाइड के बीमारी से परेशान रहता ही है और हम इस पानी को पहले गर्म करते हैं फिर ठंडा करके छान करके तब पीते हैं, क्या करें हम लोग मजबूर है क्योंकि दूसरा कोई साधन नहीं है।

महेश कुमार ने एसडीएम को बताया कि इससे पहले 2020 में भी हमने प्रार्थना पत्र तहसील दिवस के दिन दिया था तारीख 4 फरवरी, 2020 जिसकी जाँच सुधीर श्रीवास्तव बोरिंग टेक्नीशियन द्वारा की गई और रिबोर का आश्वासन दिया गया किंतु सिर्फ आश्वासन ही दिया गया कार्य अभी तक नहीं हुआ, और हम मजबूर हैं इस गंदे पानी पीने को। इस संदर्भ में हमने अपने ग्राम प्रधान से कई बार शिकायत की कई बार कहा, हमारे नल का रिकार्ड करवा दिया जाए या फिर हमें नया नल बोरिंग करवा कर दिया जाए किंतु प्रधान ने कहा, अभी हमारे पास पैसा नहीं है सरकार ने पैसा नहीं दिया है जब बजट आएगा तब देखा जाएगा क्या 2020 से 2023 चल रहा है अभी तक सरकार ने बजट नहीं दिया क्या ग्राम प्रधान के पास एक रिबोर कराने के लिए बजट नहीं है। आगे महेश कुमार ने कहा कि मैं सरकार से विनती करता हूं कि हमारी समस्याओं को समझा जाए और इस समस्या के निवारण हेतु हमारे ग्राम प्रधान को पैसा दिया जाए ताकि हमें एक नया नल मिल सके और हम सभी लोग शुद्ध पानी पी सके। हालांकि महेश कुमार की व्यथा देखते हुए और महेश कुमार के द्वारा बोतल में गंदा पानी जो था वह पेश किया। एसडीएम अमित कुमार जायसवाल ने कहा इस पर तुरंत कार्रवाई होगी और जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी। सबसे बड़ा सवाल क्या 2020 से 2023 तक ग्राम प्रधान के पास एक नल लगाने का बजट नहीं है? बरियारपुर के ग्राम प्रधान जब से प्रधान पद ग्रहण किए हैं क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके खाते में ग्राम विकास के लिए पैसे नहीं भेजे? यदि सरकार ने ग्राम प्रधान के खाते में पैसे भेजे हैं ग्राम विकास के लिए, तो आखिर क्या समस्या आ रही है ग्राम प्रधान को क्यों नहीं वह एक हैण्डपम्प का रिबोर करवाते? और यदि प्रधान जी की बात को माने तो सबसे बड़ा सवाल सरकार ने ग्राम प्रधान के खाते में ग्राम विकास के लिए पैसे क्यों नहीं भेजे? सच्चाई क्या है यह एक जांच का विषय बनता है? क्या सरकार ग्राम प्रधान के खिलाफ जांच आदेश देगी, या फिर यह भी घटना आया राम गया राम की तरह हो जाएगी। जब तक ग्राम प्रधानी नहीं जीतते वोटरों के पैर भी छूते हैं पैर भी दबाते हैं किंतु जैसे ही ग्राम प्रधान का चुनाव जीत जाते हैं यह मन बढ़ जाते हैं क्या सरकार ऐसे मन बढ़ ग्राम प्रधानों के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही करेंगी? ऐसे मनबढ ग्राम प्रधानों से मजबूर ग्राम वासियों को कौन न्याय दिलाएगा, इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।


 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पक्षी आपका भाग्य बदले

जन्म कुंडली में वेश्यावृति के योग

भृगु संहिता के उपचार