मैं एक इच्छा रखती हूं

 - चन्द्रकांत पाण्डेय

नजरों से देखते हुये वर्षो बीत गये, तुम मुझे देखकर और मुस्करा देती। कभी-कभी मुस्कराकर नमस्ते कर लेती। मेरे दिल में तूफान खड़ाकर देती, इसी तूफान ने मुझे बेचैन कर दिया, अब यह बेचैनी कुछ कह रही है। अब रहा नही जा रहा है और बहाना ढूढ़ने लगा तुमसे मिलने का एक सुन्दर सा बहाना मिला और तुम्हारे पास आ गया। रितू मेरी एक बात सुनना आपने मुझसे कुछ कहा मेरे मुख से कुछ नही निकला तुमने कैसे नाम लिया कि मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हंू। मुझे कुछ ऐसा लगा जब तुम्हे और मेरे दिल की बात सुनाई दे गई इसका अर्थ है कि आग दोनों तरफ लगी है। मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं। तुम्हे बताना चाहिये संकोच क्यों करते हो? संकोच इस लिए करता हूं कि मैं शादीसुदा हूं और दो बच्चों का बाप भी हूं। और तुम भी शादीसुदा हो ऐसे में यह प्यार कहां से आ रहा है यह आकर्षण हम दोनों के बीच क्यों बढ़ रहा है। यह मैं नहीं जान पा रहा हूं। यही तो मैं भी नहीं जान पा रही, जबसे आप अवस्था में हमसे काफी बड़े है। चलो यहां तक तो बात पता चली। अब तुम आगे क्या सोंचती हो एक कप चाय मुझे अपने घर पर कब पिलाओगी जरूर चाय पिलाऊंगी, जब वह किसी काम से इस शहर से बाहर गये होंगे। हां याद आ गया तीन दिन बाद बुद्धवार है। बाजार बन्द रहता है, तुम चुपचाप आठ बजे सुबह जीने से ऊपर आ जाना मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी। 

तीन दिन मेरे किस तरह बीते इसका एहसास मुझे आज हो रहा। बुद्धवार सुबह जल्दी से उठकर नहा-धोकर तैयार हो गया अपने हाथ चाय बनाकर पी ली पत्नी लता ने पूछा इतनी जल्दी सुबह-सुबह कहां जा रहे हो? एक पार्टी है।

विकास नगर वाला उसे मकान दिखना है वह आठ बजे विकास नगर वाले मकान पर आ जायेगा मुझे लगता इस मकान की डील इससे हो जायेगी। अच्छा मैं चलता हूं। कुछ देर हो जायेगी बारह बजे दोपहर तक मैं वापस घर आ जाऊंगा। निशातगंज बाजार पहुच कर थोड़ा आगे बढ़ा एक बीस फुट का रास्ता दाहिनी तरफ मुड़ा था। थोड़ी दूर चलकर विकास प्लाजा दिखाई दिया उसके अन्दर जाकर जीने के पास पहुंचकर उसे मोबाइल पर उसके नम्बर पर एक मिसकाल की। कुछ देर बाद वह जीना उतरकर आई इसरे से अपने मकान के अन्दर ले गई। ड्राइंग रूम में बैठाकर मेरे लिए चाय-नाश्ता लेकर आई मेज पर रखकर मुस्कराने लगी मैंने भी एक बिस्कुट उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा, इसे मुस्कान के बीच इसे भी दबाकर प्रथम इस मिलन की निकटता का स्वागत कीजिए पहले आप कुछ खाईये मैं तभी खाऊंगी। जब तुम मेरे प्यार को मेरे हाथों से स्वीकार कर लोगी रितू ने मेरे चेहरे में दोनों हाथों के बीच लेकर चूमते हुए अपने लबो को मेरे ओठो बीच रख दिया और कहने लगी मेरी वर्षो की मुराद आज पूरी हो गई। पहले आप नास्ता कर लीजिए फिर मै तुम्हारी दिली तमन्ना पूरी कर दूंगी। मैंने नाश्ता किया तब तक वह दूसरे कमरे में जाकर अपना सूट बदलकर सामने आकर खड़ी हो गई उसके पारदर्शी सूट से उसका अंग-अंग दिखाई दे रहा था। मैं उसे देखता ही रह गया। मेरे मुख से एकाएक निकला वाह तुम तो आज भी वैसी ही लग रही, जैसे अभी-अभी डोली से उतर कर मेरी गोद में आ गई हो उसके बाद वह सब हो गया जिसकी उसे चाहत थी और मेरी तमन्ना थी। मैं जल्दी से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा उसने मेरे  कपड़े अपनी ओर खींचकर एक किनारे अपने बेड पर रख दिये। और कहने लगी इतनी भी जल्दी क्या है और उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया। और कहने लगी। अभी न जाओ मुझे छोड़कर दिल अभी भरा नहीं और फिर एक बार तूफान आकर गुजर गया। 

हम दोनों उठे मैं अपने कपड़े पहनने लगा और वह गाऊन को ठीक करते हुए बाथरूम में चली गई। बाथरूम से निकलकर मेरे पास आकर मुझे चूसने लगी और कहने लगी। आप भी बाथरूम में जाकर फ्रेस हो लीजिए तब तक मैं चाय बनाकर लाती हूं। 

मैं बाथरूम से फ्रेस होकर सोफे पर बैठकर अखबार पढ़ने लगा थोड़ी देर बाद वह नाश्ता लेकर आ गई। हम दोनों ने हंसी-मजाक के बीच नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद मैं चलने लगा तो वह कहने लगी अब आप कब आयेंगे! जब भी तुम कहोगी, लेकिन एक बात ध्यान रखना मैं दाल-भात खाने की तरह रोज नहीं आ पाऊंगा, बस इतना जान लो दो पैग का नशा, नशा होता है और तीसरा पैग के बाद का नशा पैर लड़खड़ाने के बाद बदनाम करता है। तभी मेरे लबो पर अपने लबो को रखते हुए कहने लगी नशा वह मैं नहीं करती जो उतर जाए जब भी तुम मेरे पास आओगे मैं पहले से ज्यादा तुम्हारा स्वागत करूंगी! तुमने जो मुझे नशे की लत डाली है उस नशे के लिए मैं हमेशा तड़पती रहूंगी, बस तुम मुझे भूल न जाना। तूफान लेकर आना, जब गुजर जाये तो एकबार सुनामी लाना मेरे कोई बच्चा नहीं है। वह इस लायक नहीं है जो मेरी इच्छा को पूरी कर दें, इसी लिए मैं तुम्हें देखकर मुस्करा देती थी। आप अन्य लोगों की तरह नहीं मुझे मेरी इच्छा चाहिए वह तुमसे पूरी हो सकती, मैं भी अन्य औरतों की तरह नहीं हूं। जो नशा करती है, मैं बस एक इच्छा रखती हूं बस एक इच्छा।

(कहानी के पात्र व स्थान पूर्णतः कालपनिक है) 

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