ऐसे ही अधिकारियों की वजह से योगी सरकार की छवि खराब हो रही है

- मनोज मिश्रा, अयोध्या ब्यूरो चीफ

मुख्यमंत्री की समीक्षा के बाद अच्छा और खराब प्रदर्शन करने वाले 10-10 सर्किलों की सूची जारी की गई जिसमें प्रदेश भर में खराब प्रदर्शन करने वाले 10 सर्किलों की सूची में मिल्कीपुर का तीन नम्बर पर नाम पाया गया। जहां अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम रही मिल्कीपुर पुलिस। वहीं अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रधिकारियों की सूची में नगर अयोध्या का पांचवा स्थान पर पाया गया। यदि मिल्कीपुर पुलिस अच्छा काम की होती तो अयोध्या का नाम खराब लिस्ट में शामिल न होता। आपको बता दें कि मिल्कीपुर, मिल्कीपुर जनपद अयोध्या क्षेत्र अंतर्गत इनायतनगर पुलिस अपराधों पर लगाम नहीं लगा पा रही, अपराधियों के सामने रहती है नतमस्तक। आगे बताते चलें कि मामला 17 सितंबर की रात्रि 8 बजे का है जहां कुचेरा पलिया मुतालके पलिया जगमोहन सिंह के रहने वाले वृद्ध राम सिंह व उनके बेटे बबलू सिंह को उनके पड़ोसी विकास सिंह, अंकुर सिंह, विकास की मां और दादी, बाग वा जमीन के लालच में बेरहमी से मारा गया जहां ट्रामा सेंटर लखनऊ में 19 को राम सिंह की मौत हो जाती है और 19 को थाना प्रभारी अरूण प्रताप सिंह को सूचना भी दी जाती है। राम सिंह की मिट्टी के बाद उनकी बेटी नीलम सिंह 20 सितंबर को प्रार्थना पत्र लेकर जाती है तो थाना प्रभारी बिना पूरी बात सुने दरोगा बृजेश यादव की तरफ इशारा करते हुए प्रार्थना पत्र देने की बात कह कर कुर्सी से उठकर चले गए और किसी प्रकार कोई कार्यवाही नहीं की गई। अगले दिन 21 को पीड़ित महिला ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई तो एसपीआरए ने क्षेत्राधिकारी मिल्कीपुर को निर्देशित किया कि स्वयं मौके की जांच कर कार्यवाही करें। दिनांक 24 सितंबर को सीओ कार्यालय मिल्कीपुर द्वारा बुलाकर थाना इनायतनगर भेजा गया जहां प्रभारी निरीक्षक अरूण प्रताप सिंह ने एनसीआर दर्ज करने से मना करते  हुए कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी है। पीएम रिपोर्ट लेकर लावो, जब पीड़ित महिला ने पीएम रिपोर्ट लाने में आसमर्थता जताई तो प्रभारी निरीक्षक आग बबूला हो गए और डांटकर थाने से भगा दिया।

जबकि दरोगा बृजेश यादव ने बताया कि मौके पर जांच के लिए गए थे कोई मिला नहीं, हमने पूरी बात इंस्पेक्टर से बता दिया है जो भी कार्यवाही करना होगा वही करेंगे। उसके बाद पीड़ित महिला पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या कार्यालय न्याय के लिए पहुंची और अपना प्रार्थना पत्र दिया। जहां पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या ने प्रभारी निरीक्षक अरूण प्रताप सिंह को फटकार लगाई और मुकदमा न दर्ज करने की वजह पूछी।

आपको बताते चलें कि आईजी अयोध्या के फटकार के बाद 26 सितंबर को थाना इनायतनगर में पीड़ित महिला जो एक पत्रकार है की तरफ से विपक्षी विकास सिंह, अंकुर सिंह, विकास की मां और विकास की दादी लंबरदारिन पर अपराध संख्या 435/23 धारा 323,504,506,452,304 में मुकदमा दर्ज हुआ।

अब आप लोग खुद सोचिए कि इनायतनगर थाना प्रभारी द्वारा जब एक महिला पत्रकार की आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की गई जिसमें उन्हें ना कामयाबी मिली। तो गांव के पीड़ित कितने लोगों की आवाजों को दबा दिया गया होगा। जब ऐसे ही अधिकारियों को थाना चलाने के लिए थाने की कमान सौंपी जाएगी जहां पीड़ित की सुनी ही नहीं जाएगी, तो खराब प्रदर्शन ही आयेगा। अब इस खराब प्रदर्शन में अयोध्या का नाम रहे या डूबे, सरकार की छवि से ऐसे अधिकारियों से कोई मतलब नहीं।



 

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