जनपद स्तरीय कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन

- सत्य प्रकाश मिश्रा, ब्यूरो चीफ, सोनभद्र

आईटीसी मिशन सुनहरा कल और सहयोगी संस्था पानी संस्थान के द्वारा कृषि विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद स्तरीय कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन

नीति आयोग के आकांक्षी जनपद सोनभद्र में आईटीसी मिशन सुनहरा कल और सहयोगी संस्था पानी संस्थान के द्वारा कृषि विकास कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि भवन, मगुराही स्थित सभागार कक्ष में 22 सितम्बर, 2023 को जनपद स्तरीय कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन श्री जय प्रकाश उप कृषि निदेशक सोनभद्र के अध्यक्षता में किया गया।

आईटीसी मिशन सुनहरा कल व पानी संस्थान के परियोजना समन्वक दिनेश कुमार यादव ने परियोजना के बारे में बताया कि यह कार्यक्रम 2018-19 से लगातार चलाए जा रहा है जिसमें नीति आयोग कार्यक्रम के फेस 2 में इंटरलाइजेशन आफ कैस कैड ट्रेनिंग जनपद के प्रमुख फसल (धान, मक्का-गेहूं चना सरसों) इत्यादि फसलों का क्राप माडल कृषि विज्ञान सोनभद्र के द्वारा तैयार किया जा रहा है और यहां के एक जिला एक फसल में टमाटर मिर्च का माडल तैयार किया जा रहा है।

एग्रीकल्चर डेवलपमेंट फ्रेमवर्क के चार बिंदुओं पर काम चल रहा है जो माडल विलेज के रूप में हमारे 50 गांव विकसित किए गए हैं और हम कृषि विभाग के कर्मचारियों से आग्रह करेंगे की अपने अपने न्याय पंचायत के एक-एक गांव माडल विलेज के रूप में विकसित करें, माडल विलेज की चार बिंदुओं पर काम चल रहा है। 

1. नालेज इन पावरमेन्ट 

2. नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट  

3. इनटयूशनल सपोर्ट

4. लाइवलीहुड डायवर्सिफिकेशन और जनपद में आईटीसी मिशन सुनहरा कल के द्वारा 6 पायलटो पर काम चल रहा है।

1. सौच खाद:- सौच खाद बनाने के लिए दो गढ्ढे वालों शौचालय का चयन किया जाता है जब वह भर जाता है तो एक को बंद कर कर दिया जाता है दूसरे गढ्ढे में खोल दिया जाता है और भरे गढ्ढे में डीकंपोजर, आधा केजी गुड, आधा केजी बेसन को आपस में मिलाकर 15 दिन रख दिया जाता है और 15 दिन के बाद सौच भरे गढ्ढे में डीकंपोज कर दिया जाता है और 120 दिन में खाद सौच खाद तैयार हो जाती है। तैयार खाद को 10 किग्रा खाद को 100 किग्रा गोबर की खाद के साथ मिलकर 10 बिस्वा खेत में छिड़काव करते हैं। 

2. प्राकृतिक खेती 

3. मचान विधि से सब्जी खेती 

3. नैनो एरिया

4. सीएससी 

5. फार्म पोंड 

6. सोलर पंप इत्यादि  के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया एवं डीएसआर विधि से धान की सीधी बुवाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

उप कृषि निदेशक जय प्रकाश ने बताये कि यहां से सभी कर्मचारी जनपद स्तरीय कार्यशाला से प्रशिक्षित होकर न्याय स्तर के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे और रवि सीजन का सत्र 1 अक्टूबर से शुरू हो रहा है उन्हीं के क्रम में गेहूं फसल का आच्छादन कम करके दलहनी व तिलहनी फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाने व सभी फसलो की बुवाई लाइन शोइंग विधि से करने के लिए निर्देशित किया गया कृषि विभाग के कर्मचारियों को लीईन सोईग विधि से बुवाई करने का लक्ष्य दिया जाएगा। प्रत्येक फसल प्रदर्शन लाइन शोइंग विधि से होनी चाहिए फसल प्रबंधन प्रणाली के लिए हम लोग ग्राम स्तर विकास खण्ड स्तर तहसील स्तर जनपद स्तर की टीम गठित करेंगे जिससे फसल प्रणाली को ना जलाएं फसल प्रणाली जलाने से बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ रहे हैं और इसके लिए डी कंपोजर का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए जिससे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके।

सुश्री अनुराधा विषय वस्तु विशेषज्ञ ने श्री अन्न के बारे मे बताया कि सोनभद्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए श्री अन्न (सावा कोदो रागी ज्वार बाजर इत्यादि) उत्पादन के अनुकूल है क्योंकि श्री अन्न मे कम पानी कम खाद लगती है इसमें रोग किट कम लगते हैं, इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसलिए इसे सुपर फूड की संज्ञा दी गई है।

श्री शुभम कुमार सिंह विषय वस्तु विशेषज्ञ ने खरीफ सीजन में धान की फसल में लगने वाले रोग व किट के बारे में विस्तृत जानकारी दिए।



 

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