किसानों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा

- राजेंद्र कुमार जिला ब्यूरो चीफ, झांसी एवं छायाकर विष्णु प्रजापति

रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय, झांसी में कृषि विश्वविद्यालय किसानों को ड्रोन पायलेट बनाने जा रहा है। कृषि विवि में पाच दिन की क्लास लगाकर किसानों को ड्रोन के जरिये खेत में कीटनाशक और खाद का छिड़काव करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी कृषि विवि के विशेषज्ञ ही यह काम करते हैं।

16 मिनट में दो एकड़ में होता है छिड़काव कृषि ड्रोन में लगी बैटरी का सेट 18 मिनट का बैक-अप देता है। एक्सपर्ट 16 मिनट में दो एकड़ की खेती पर कीटनाशक और खाद का छिड़काव कर देते हैं। अब तक जिले की विभिन्न तहसीलों के 1600 से अधिक किसान ड्रोन से अपने खेतों में कीटनाशक और खाद का छिड़काव करवा चुके है।

केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी को कृषि मंत्रालय ने एग्रीकल्यर ड्रोन उपलब्ध कराया था। इसका इस्तेमाल कैंपस में विद्यार्थियों को ड्रोन से की जाने वाली खेती सिखाने के लिए किया जाता है। साथ ही विवि के विशेषज्ञ ड्रोन को किसानों के खेत पर ले जाकर इससे कीटनाशक और खाद का छिड़काव भी मुफ्त करते हैं।

अब विवि किसानों को ही ड्रोन पायलेट बनाने जा रहा है। कुलपति डा. एस.के. सिंह ड्रोन टेक्टनोलाजी के नोडल अधिकारी डा. प्रशांत जांबुलकर और ड्रोन एक्सपर्ट डा. आशुतोष शर्मा ने पांच दिवसीय ड्रोन सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया है। किसानों को तीन दिन कैंपस और दो दिन खेत पर ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।


 

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