ओबरा परियोजना प्रदेश को अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति करेगी

ओबरा परियोजना शीघ्र ही करेगी प्रदेश को 1320 मे.वा. अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति: सीजीएम मोहन

- सत्य प्रकाश मिश्रा, ब्यूरो चीफ सोनभद्र

जनपद सोनभद्र ओबरा ताप विद्युत परियोजन के गांधी मैदान में देश का 75वां गणतन्त्र दिवस समारोह पूरे उत्साह एवं हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। ओबरा ताप विद्युत गृह के मुख्य महाप्रबन्धक इं. राधे मोहन ने ध्वजारोहण किया।

जनसमूह को सम्बोधित करते हुए श्री राधे मोहन ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। बताया कि इस संविधान में जिस राज्य व्यवस्था को संजोया गया उसमें लोकतंत्र, समता, पंथनिरपेक्षता और विधि के शासन को महत्ता दी गयी तथा समाजवादी व्यवस्था की स्थापना के लिए योजनाबद्व विकास पर बल दिया गया। यह संविधान आज ही के दिन सन् 1950 को लागू हुआ तथा इसी के साथ हमारा देश लोकतांत्रिक गणराज्य बना।

श्री मोहन ने कहा कि गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर, हमें यह समझना चाहिए कि हमारी जिम्मेदारी यह है कि हम अपने ऊर्जा संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करें और उन्हें सुरक्षित रखें। हमारा उद्देश्य है कि हम न केवल आज के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सस्ती और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति को बनाए रखें। आप सभी को पता है कि ऊर्जा का महत्व बहुत अधिक है, और हमारे तापीय परियोजना का योगदान इसी संदर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, हम यहां नवाचार और प्रौद्योगिकी के साथ काम कर रहे हैं ताकि हम न केवल ऊर्जा उत्पादन में माहिर हो, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर भी देश को सबसे उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर सकें। 

श्री मोहन ने कहा, आजकल के परिवेश में कई समस्याएं विद्यमान हैं जो हम सभी को गहरे विचार करने पर मजबूर कर रही हैं। इसमें प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और वन्यजीव संरक्षण जैसे मुद्दे शामिल हैं। हमारी तापीय परियोजनाओं का संचालन करने के दौरान, हमें इन समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाने होंगे।

विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में ओबरा तापीय परियोजना एक अग्रणी परियोजना रही है। ओबरा ‘ब’ परियोजना की 200 मे.वा. क्षमता की पांचों इकाईयां काफी पुरानी हो चुकी है फिर भी इनसे सस्ती एवं अधिक से अधिक विद्युत उत्पादन हेतु अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार प्रयासरत् हैं। वर्ष 1977 से परिचालनरत् भारत की प्रथम 200 मे.वा. होने का गौरव प्राप्त इकाई सं. 11 के साथ-साथ वर्तमान में ओबरा ‘ब’ परियोजना की चार इकाइयों से निर्बाध विद्युत उत्पादन हो रहा है, जबकि ओवरहालिंग हेतु बन्द इकाई सं. 9 को आगामी दो सप्ताह में परिचालनरत् कर लिया जायेगा। साथ ही इकाई सं. 12 को 1.फरवरी 2024 से ओवरहालिंग में लिया जाना प्रस्तावित है। इकाई सं0 9 एवं 12 के ओवरहालिंग कार्य पूर्ण कर परिचालित किये जाने पर ‘ब’ ताप विद्युत गृह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्राप्त होने लगेगा।

ओबरा में 2×660 मे.वा. के ओबरा ‘सी‘ का निर्माण कार्य 22 दिसम्बर 2016 को शुरू हुआ था, तब से निर्माण कार्य चल रहा है, जो कोरोना महामारी के दौरान विषम परिस्थितियों में भी चलता रहा है। ओबरा ‘सी‘ की प्रथम इकाई, 26 दिसम्बर 2023 से पूर्ण लोड पर चला ली गयी है तथा ओबरा ‘सी’ की दूसरी इकाई को भी वर्ष 2024 के मध्य तक उत्पादनरत् कर लिये जाने का लक्ष्य है। इन इकाइयों के परिचालनरत् होने के उपरान्त ओबरा परियोजना द्वारा प्रदेश को 1320 मे.वा. अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।

इसके अतिरिक्त 2×800 मे.वा. की ओबरा ‘डी’ परियोजना की स्थापना के लिए भी शासन स्तर से त्वरित कार्यवाही की जा रही है तथा धरातल पर शीघ्र ही कार्य की प्रगति परिलक्षित होने लगेगी। किसी भी परियोजना के निर्माण के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता भूमि की उपलब्धता होती है और ओबरा ‘डी’ परियोजना परियोजना के लिए ओबरा कालोनी के कई सेक्टरों का ध्वस्तीकरण किया जाना है। इस प्रक्रिया में सभी का सहयोग अपेक्षित है जिससे जल्द से जल्द ओबरा ‘डी’ परियोजना की स्थापना हो सके तथा ओबरा परियोजना विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में पुनः अपने स्वर्णिम इतिहास को दोहरा सके।

विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में ओबरा तापीय परियोजना सदैव एक अग्रणी परियोजना रही है इसलिए अधिकाधिक विद्युत उत्पादन की जिम्मेदारी भी हमारे ऊपर है। उपरोक्त वर्णित इकाईयों के परिचालनरत हो जाने के उपरान्त ओबरा परियोजना पुनः देश में सर्वाधिक विद्युत उत्पादन करने वाली इकाइयों में से एक हो जायेगी। ओबरा तापीय परियोजना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का समर्पण, कुशलता और विशेषता पर हमें गर्व है।

समारोह में मुख्य अभियन्तागण इं. वाई.के. गुप्ता, इं. जबर सिंह, इं. एस.के. सिंघल, सी.आई. एस.एफ. कमाण्डेट एच.एस.शर्मा तथा अधीक्षण अभियन्तागण इं. ए.के. राय,  इं. समीर भटनागर, इं. एच.के. गुप्ता, इं. ए.के.पाण्डेय, इं. मणि शंकर राय, इं. डी. के. सिंह, इं. अच्युतेश कुमार, इं. नेमीचन्द, इं. राकेश कुमार सिंह, एवं उप महाप्रबन्धक (लेखा) अखिलेश त्रिपाठी, सी.एम.ओ. डा. ए.के.गुप्ता, अधिशासी अभियन्ता इं. संजय महतो तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी यथा अंकित कुमार, विशाल प्रसाद, धनंजय शुक्ला, धनंजय सिंह आदि उपस्थित थे।

 

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