कौन दिशा में लेके चला रे बटोहिया

सम्पन्न होने के बाद भी दुल्हन की ऐसी अनूठी विदाई को देखने लोग उमड़ पड़े। देखने वालों ने कहा, उन्हें पुराने जमाने की यादें ताजा हो गईं। सड़क पर एक के बाद एक कई बैलगाड़ियां निकल रही थीं। एक बैलगाड़ी में दूल्हा-दुल्हन सवार थे, बाकी में घर वाले और बाराती, दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा कराने के लिए रंग-बिरंगे कपड़े और फूल-मालाओं से सजी बैलगाड़ियां लेकर पहुंचा था

- राजेंद्र कुमार जिला ब्यूरो चीफ, झांसी एवं छायाकर विष्णु प्रजापति

बदलते समय में जहां आज के दौर में कोई लग्जरी कार में तो कोई हेलीकाप्टर में दुल्हन को विदा कर ले जाता है। लेकिन झांसी में एक अनोखा मामला देखने को मिला। यहां दूल्हा अपनी दुल्हन की विदाई के लिए बैलगाड़ी लेकर पहुंच गया। आज के दौर में दुल्हन की विदाई लग्जरी कार और हेलीकॉप्टर से कराने का चलन बढ रहा है। लेकिन यूपी के झांसी में एक दुल्हन की विदाई ऐसे अनोखे तरीके से हुई है जिसकी चर्चा का हो रही है। दरअसल, सम्पन्न परिवार में शादी होने के बावजूद दुल्हन की विदाई बैलगाड़ी से हुई। दूल्हा-दुल्हन दोनों बैलगाड़ी में सवार होकर गेस्ट हाउस से निकले तो लोग देखते ही रह गए। उनके पीछे बाराती भी बैलगाड़ी से चल रहे थे। कौन दिशा में लेके चला रे बटोहिया... गाने पर लोग थिरक रहे थे।

पैसे से सम्पन्न होने के बाद भी दुल्हन की ऐसी अनूठी विदाई को देखने लोग उमड़ पड़े। देखने वालों ने कहा, उन्हें पुराने जमाने की यादें ताजा हो गईं। सड़क पर एक के बाद एक कई बैलगाड़ियां निकल रही थीं। एक बैलगाड़ी में दूल्हा-दुल्हन सवार थे, बाकी में घर वाले और बाराती, दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा कराने के लिए रंग-बिरंगे कपड़े और फूल-मालाओं से सजी बैलगाड़ियां लेकर पहुंचा था।

साथ में ढोल-नगाड़े और डीजे सहित रंग-बिरंगे कपड़े में सजे घोड़े भी थे। दुल्हन की बैलगाड़ी में बैठाकर विदाई कराई गई, जिसके सारथी दूल्हे के चाचा सीपरी बाजार के लहर गिर्द निवासी पंजाब सिंह यादव बने थे।

 

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