सम्मेलन भावी पीढ़ी को संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों से सहयोग हेतु प्रेरित करने में बहुत महत्वपूर्ण है : गीता गाँधी

दो-दिवसीय मॉडल यूनाइटेड नेशन्स कान्फ्रेन्स सी.एम.एस. में प्रारम्भ

वैश्विक समस्याओं पर सार्थक चर्चा-परिचर्चा की छात्रों ने

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम प्रथम कैम्पस लखनऊ के तत्वावधान में दो दिवसीय मॉडल युनाइटेड नेशन्स कान्फ्रेन्स (एम.यू.एन.) का शुभारम्भ आज आज विद्यालय प्रांगण में हुआ। समारोह का उद्घाटन देश के प्रथम मिस्रविज्ञानी एवं सबसे कम उम्र के पुरातत्वविद् श्री अर्श अली ने किया जो सी.एम.एस. के पूर्व छात्र भी रहे हैं। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अर्श अली ने कहा कि यह अत्यन्त ही अभिनव कार्यक्रम है, जो बच्चों के विश्वव्यापी दृष्टिकोण के विकास में बहुत मददगार है। सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने इस अवसर पर कहा कि यह सम्मेलन भावी पीढ़ी को संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों से सहयोग हेतु प्रेरित करने में बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पहले, एम.यू.एन. की संयोजिका एवं सी.एम.एस. राजाजीपुरम प्रथम कैम्पस की वरिष्ठ प्रधानाचार्या श्रीमती निशा पाण्डेय ने सभी प्रतिभागी छात्रों व गणमान्य अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया।

मॉडल यूनाइटेड नेशन्स कान्फ्रेन्स (एम.यू.एन.) वास्तव में संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेम्बली का हूबहू प्रतिरूप है, जिसमें देश भर से पधारे छात्र विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए विभिन्न वैष्विक मुद्दों पर खुलकर चर्चा-परिचर्चा कर हैं। इस दो-दिवसीय सम्मेलन में लखनऊ, कानपुर, रायबरेली, जबलपुर, भीलवाड़ा, ऊटी आदि विभिन्न शहरों के लगभग 400 छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं। सम्मेलन का लोकतान्त्रिक प्रक्रिया की मूजबती और उसमें युवा पीढ़ी की भागीदारी को बढ़ावा देना है। एम.यू.एन. के अन्तर्गत आज प्रतिभागी छात्रों ने अपने सारगर्भित, ओजपूर्ण एवं प्रभावशाली उद्बोधन की छाप छोड़ते हुए विश्व की ज्वलंत समस्याओं पर सारगर्भित चर्चा-परिचर्चा की एवं साबित कर दिया कि भावी पीढ़ी बदलते विश्व परिदृश्य पर गंभीर विचार रखती है और उनमें सकारात्मक चिंतन के साथ विश्व की समस्याओं का समाधान करने की क्षमता मौजूद है।



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