मास्टर माइण्ड 35 हजार रूपये इनामियां अभियुक्त गिरफ्तार

- मनोज चौबे, सहायक संपादक

थाना कोतवाली ललितपुर पुलिस, साइबर क्राइम थाना व स्वाट टीम द्वारा LUCC नामक चिटफंड कम्पनी बनाकर षडयन्त्र-पूर्वक कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लोगों के साथ हजारों करोड़ रूपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के मास्टर माइण्ड 35 हजार रूपये इनामियां अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के कब्जे से दो करोड़ से अधिक की मँहगी गाडियां जैसे मर्सडीज, फार्चुनर, हुडई अल्काजार, एवं कम्पनी से सम्बन्धित महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किये गये 

अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर जोन कानपुर एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक झांसी, परिक्षेत्र झांसी के निर्देश के क्रम में, पुलिस अधीक्षक, ललितपुर के निर्देशन एवं अपर पुलिस अधीक्षक, ललितपुर एंव क्षेत्राधिकारी सदर के निकट पर्यवेक्षण में, अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में कोतवाली ललितपुर से सम्बन्धित अभियोग में LUCC के मास्टर माइण्ड अभियुक्त रविशंकर तिवारी पुत्र तिलकराम तिवारी उम्र करीब 35 वर्ष नि. लेखपाल कालोनी रामनगर थाना कोतवाली जनपद ललितपुर हाल पता 20 गीत ग्रीन कालोनी करोंद थाना निशादपुरा जिला भोपाल म.प्र. को 27 अगस्त, 2024 को मसौरा बैरियर के पास से हिरासत पुलिस लेकर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।

थाना कोतवाली पर शिकायतकर्ताओं के द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्रों के आधार पर अभियुक्तगण रवि तिवारी, जगत सिंह, आलोक जैन, आदि द्वारा एक संगठित गिरोह बनाकर अपने आर्थिक लाभ के लिये LUCC नाम की एक चिटफंड कम्पनी के माध्यम से धोखाधड़ी कर षडयन्त्र पूर्वक कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हुये विभिन्न व्यक्तियों के रूपये लेकर हड़प लेना एवं प्रार्थीगणों द्वारा अपना रूपया वापस मांगने पर टाल-मटोल करते हुये गाली-गलौच करना तथा जान से मारने की धमकी देने के सम्बन्ध में सूचना दी गयी थी। 

इस सूचना पर थाना कोतवाली पुलिस द्वारा सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किये गये थे तथा 8 अभियुक्तों 1. नीरज जैन 2 जगत सिंह 3. आलोक जैन 4. राहुल तिवारी 5. रामनरेश साहू  6. द्वारिकाप्रसाद झाँ 7. सुरेन्द्र पालसिंह 8. महेश प्रसाद रजक को पूर्व में नियमानुसार गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है। उपरोक्त प्रकरण की गंभीरता व व्यापकता को देखते हुए गुणवत्तापूर्ण विवेचनात्मक कार्यवाही व वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन हेतु जनपद स्तरीय SIT टीम गठित की गयी। अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु 35 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया था। सर्विलांस (मैनुअलीध्टैक्नीकल), वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन व अन्य एकत्रित साक्ष्यों की मदद से अभियुक्त रविशंकर तिवारी  उपरोक्त को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया।

अभियुक्त रविशंकर तिवारी उपरोकत ने पूछने पर बताया कि   पहले मेरी आर्थिक स्थिति सही नही थी। जब मैं कक्षा 12 वीं पढ़ता था तब आलोक जैन के माध्यम से मै एडवान्टेज नामक कम्पनी में जुडा था। फिर मैने उसी कम्पनी के माध्यम से ललितपुर में एडवान्टेज कम्पनी में लोगों को लुभावनी, लालच भरी स्कीमे बताकर जोडना शुरू कर दिया और मुझे मोटा कमीशन मिलने लगा जिससे मेरा लालच बढने लगा और मैंने वर्ष 2009 से वर्ष 2012 के बीच चली एडवान्टेज कम्पनी में करीब 6 करोड़ रूपये का निवेश लोगों को गुमराह करके करा दिया था और मोटा कमीशन कमाया था जब इस कम्पनी में लोगों के रूपये वापस करने का समय आया तो समीर अग्रवाल ने इस कम्पनी को बंद कर दिया ताकि निवेशकों का पैसा न देना पड़े। फिर समीर अग्रवाल ने आप्सन वन नामक कम्पनी वर्ष 2012 में बनायी जिसमें मैंने लोगों का करीब 50-60 करोड़ रूपये का निवेश कराया और मोटा कमीशन कमाया, जब लोगों के रूपये वापस करने का समय आया तो समीर अग्रवाल ने फिर इस कम्पनी को वर्ष 2016 में बंद कर दिया ताकि निवेशकों का पैसा न देना पड़े। समीर अग्रवाल ने LUCC नाम से एक अलग चिटफण्ड नाम की कम्पनी बनवाई। उसने जानबूझकर इस कम्पनी में  अलग-अलग राज्यों के लोगों के आधार कार्ड, पैन कार्ड का दुरपयोग करके इस कम्पनी के डायरेक्टर व अन्य महत्वपूर्ण पद दे दिये थे। लेकिन पूरी कम्पनी का संचालन समीर अग्रवाल व उसके मुम्बई, इन्दौर, लखनऊ व अन्य राज्यों व जिलों से जुडे हुए लोगों के द्वारा किया जाता था जिसमें मैं, आलोक जैन, व अन्य हमारे सभी साथी मंहगे-मंहगे होटलों में सेमिनार का आयोजन करते थे। वहां पर लोगों को हम लोगों लालच देकर विदेश में ले जाकर घुमाते भी थे ताकि लोगों को लगे कि हमारी कम्पनी सही कम्पनी है और इसमे ज्यादा से ज्यादा लोगो को जोड़ने पर रातो-रातो अमीर बना जा सकता है। सेमिनार में हम लोग महगी गाड़ियो का भी लालच देते थे कि गाडियां आपको मुफ्त में मिल जायेगी और हम लोग मंहगे कपड़े, और होटलो में खाना मुफ्त में खिलाते थे ताकि लोग हम लोगो से जुड़ सके। इस सोसायटी के माध्यम से पांच वर्ष में निवेशित धनराशि डबल होने के बारे में जानकारी देते थे और लोगों को बताते थे कि सोसायटी में निवेश की गयी धनराशि को गोल्ड माइन्स एडवर्टाइजमेन्ट कम्पनी, लोहे की खदान, तेल के कुंए में लगाने की बात हम लोग बताते थे। और इस बात का भी विश्वास देते थे कि आप लोगों द्वारा निवेश किये गये एवं कराये जा रहे धन को शत प्रतिशत सुरक्षित किया गया है और वह बहुत जल्दी ही डबल हो जायेगा। हमारी कम्पनी में अलग-अलग स्कीम के माध्यम से लोगों को जुड़ने कि लिये प्रेरित करते थे। मैंने अलग-अलग स्कीमों में अलग-अलग राज्यांे और अलग-अलग जिलो में जैसे ललितपुर, टीकमगढ, सागर, अशोक नगर, झांसी एवं विदिशा में अपना नेटवर्क स्थापित करते हुए निवेशकर्ताओं को लाभान्वित करने का विश्वास दिलाकर लगभग 300 करोड रूपये से अधिक का निवेश कराया है। मैंने इस कारोबार में धन की मोटी आमद को देखते हुए अपने भाई राहुल तिवारी एवं विनोद तिवारी को भी लगाकर अपने कार्यक्षेत्र में इजाफा किया जिसके एवज में मुझे अब तक करोड़ों रूपये कमीशन के रूप में प्राप्त हो चुके है। कम्पनी द्वारा 10 अलग-अलग ग्रुप बनाये गये हैं जिसमें अल्टो ग्रुप, स्कार्पियों ग्रुप, एक्सयूवी ग्रुप, आदि हैं। जिसका लालच देकर के हम लोग भोले-भाले लोगो को पैसा जमा कराने के लिये प्रेरित करते हैं कि आप लोगों को भी यह मंहगी गाडियां मिल सकती है। 

मैंने अपने भाईयों व परिवारों के अन्य सदस्यों के नाम पर नई कम्पनी बनाकर के कई करोड का होटल, प्लाट, जमीने मैंने ललितपुर, भोपाल, इन्दौर आदि जगह खरीदी हैं। साहब हम लोगों की कम्पनी में कई राज्यों के हजारांे लोग जुडे हुए हैं और कई राज्यों में हमारी कम्पनी काम रही है और जब भी निवेशक पैसा मांगते है तो हम लोग कम्पनी का नाम और अपने कार्यालय लगातार बदलते रहते है जिससे पकड़े न जाये और जब भी कोई शिकायत करता है तो उसका रूपया देकर हम लोग आसानी से बच जाते है। इसी कम्पनी के माध्यम से कमाये हुए करोड़ो रूपयों से मैंने विलासतापूर्ण जीवन जिया है, करोड़ों रूपये की गाडियां खरीदी हैं तथा ललितपुर, भोपाल, इन्दौर, आदि शहरो में करोड़ो रूपये की जमीन-प्लाट खरीदे हैं व बैंक बैलेंस कर रखा है।



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