बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को आईआईआरएफ में प्रदेश में 6वां स्थान मिला


- राजेन्द्र कुमार

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के बाबू जगजीवन राम विधि संस्थान को आईआईआरएफ में प्रदेश में 6वां स्थान मिला। प्रोफेसर कुलपति  मुकेश पांडे ने सभी की भूरि-भूरि प्रशंसा की आईआईआरएफ(इंडियन इंस्टीटयूटशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) 2025 में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के नाम एक और उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय के बाबू जगजीवनराम विधि संस्थान को प्रदेश में 6वां स्थान प्राप्त हुआ है। जबकि देश भर में 38वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसके लिए विश्वविद्यालय में रैंकिंग उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने सभी की भूरि-भूरि प्रसंशा की। 

रैंकिंग उत्सव के अवसर पर कुलपति ने आइक्यूएसी के प्रो. कबिया समेत विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डा. प्रशांत मिश्रा व सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, आप सभी की निरंतर मेहनत विश्वविद्यालय का नाम लगातार ऊंचायों पर पहुंचा रही है। इसी का परिणाम है कि उपलब्धियों की झड़ी लगी है।

इस अवसर पर विधि संस्थान के विभागाध्यक्ष डा. प्रशांत मिश्रा ने कहा, यह अवसर हमारे विश्वविद्यालय, विशेषकर बाबू जगजीवन राम विधि संस्थान के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है। आईआईआरएफ 2025 की प्रतिष्ठित रैंकिंग में हमारे बैचलर आफ ला (एल.एल.बी.) कार्यक्रम ने अखिल भारतीय स्तर पर शासकीय विधि महाविद्यालय श्रेणी में 38वां स्थान तथा उत्तर प्रदेश राज्य में 6वां स्थान प्राप्त कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।

यह उपलब्धि हमारे शिक्षकों की विद्वत्ता, हमारे छात्रों की सतत मेहनत, और हमारे संपूर्ण प्रशासनिक सहयोग की प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष परिणाम है। साथ ही, यह सम्मान कुलपति के दूरदर्शी नेतृत्व, मार्गदर्शन और विश्वविद्यालय के प्रति उनके सतत समर्पण को भी समर्पित है। इसके लिए उन्होंने सभी का आभार जताया।

प्रतिस्पर्धात्मक एवं उन्नत शैक्षणिक वातावरण में नैक ए प्लस प्लस, नेशनल इंस्टीटयूट रैंकिंग फ्रेमवर्क और अब आईआईआरएफ इस प्रकार की मान्यता प्राप्त करना निस्संदेह एक अत्यंत गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह हमारे संस्थान की उस शिक्षा प्रणाली का प्रमाण है, जो न केवल विधिक ज्ञान में प्रवीणता प्रदान करती है, अपितु उसे नैतिक मूल्यों, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं न्याय की भावना से भी जोड़ती है।

मुझे पूर्ण विश्वास है कि इसी प्रकार निरंतर प्रयास, नवाचार, और सामूहिक चेतना के माध्यम से हम आने वाले वर्षों में और भी ऊँचाइयाँ प्राप्त करेंगे और अपने संस्थान को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवपूर्ण स्थान प्रदान करेंगे।

आइए, हम इस उपलब्धि को केवल उत्सव के रूप में न देखें, बल्कि इसे एक प्रेरणा के रूप में स्वीकार करें। एक ऐसी प्रेरणा जो हमें सतत प्रगति, उत्कृष्टता और उच्चतम आदर्शों की ओर अग्रसर करती रहे।

इस कार्यक्रम का स्वागत भाषण प्रोफेसर सुनील कविया के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय को विभाग के विभागाध्यक्ष डा. प्रशान्त मिश्र द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इस अवसर पर बाबू जगजीवन राम विधि संस्थान के शिक्षकगण डा. महेंद्र कुमार, श्रीमती अपर्णा अग्रवाल, डा. अभिषेक सिंह, व डा. रवि प्रकाश श्रृंगी ऋषि डा. ऋतु शर्मा डा. राजेश सिंह डा. विनोद कुमार वंशिका प्रेमानी डा. मंजू कौर डा. संदीप वर्मा डा. अभिषेक सिंह डा. आशुतोष द्विवेदी अभिषेक शुक्ला उपस्थित रहे।




इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जन्म कुंडली में वेश्यावृति के योग

भृगु संहिता के उपचार

हारिये न हिम्मत, बिसारिये न राम!