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उद्यमियों की समस्याओं को गम्भीरता से ले अधिकारी

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जिला स्तरीय उद्योग बन्धु की बचत भवन के सभागार कक्ष में आयोजित बैठक जिलाधिकारी, रायबरेली शुभ्रा सक्सेना की अध्यक्षता में की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि उद्योग बन्धु उघमियों की समस्याओं का निराकरण का एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म है उद्यमियों की समस्याओं का निराकरण युद्धस्तर पर करें। उद्यमियों की समस्याओं को गम्भीरता से लिया जाये यदि समस्या का निराकरण जिलास्तर पर न हो उसे मण्डल स्तरीय उद्योग बन्धु की बैठक में नियामनुसार रखकर कर उसका निराकरण कराये। बैठक में एक जनपद एक उत्पाद, खादी ग्रामोद्योग/जिला उद्योग की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की चर्चा की गई जिसमें बताया गया कि लक्ष्य पूरा कर लिया गया है तथा निर्देश दिये गये कि उद्यमियों के लाभ परक योजनाओं को का लाभ बढ़चढ कर दिलाया जाये। बैठक में औद्योगिक क्षेत्र में साफ-सफाई विद्युत आदि पर भी चर्चा हुई तथा साफ-सफाई, विद्युत सम्बन्धित कार्यो को दुरूस्त रखने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये गये। बैठक में उद्यमियों को मुद्रा योजना के लाभ, अमांवा रोड, सुल्त.ानपुर रोड से अतिक्रमण हटाने, काम

अभिशप्त फिल्म जय संतोषी माँ

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सन 1975 में देश मे दो सुपरहिट फिल्में आई। एक रमेश सिप्पी, जी.पी. सिप्पी की करोंड़ो के बजट वाली मल्टीस्टार फिल्म शोले थी दूसरी थी, बेहद सस्ते बजट की छोटे कलाकारो से सजी फिल्म जय संतोषी माँ। दोनों फिल्मों ने कामयाबी का नया इतिहास लिख दिया जहां शोले को आज 40 साल बाद भी याद किया जाता है। वहीं जय संतोषी मां गुमनामी के अंधेरों मे गुम हो गई शुरू-शुरू मे फिल्म को दर्शक नही मिले बम्बई के एक थियेटर मे पहले शो मे सिर्फ 56 रूपये मिले दूसरे शो मे आठ रूपये आये तीसरे शो मे 98 रूपये आये और आखिरी शो मे सौ से कुछ ज्यादा रूपये मिले फिल्म इन्डस्ट्री मे चर्चा फैलने लगी कि फिल्म बाॅक्स आॅफिस पर ढेर हो गई है। लेकिन फिर अचानक जैसे चमत्कार हो गया हफ्ते भर बाद सिनेमाघरों पर दर्शको की भारी भीड़ टूटने लगी टिकट ब्लैक मे बिकने लगे उसके बाद जो हुआ वह बाॅक्स आॅफिस के इतिहास मे सुनहरे अक्षरों दर्ज है। केवल बम्बई मे ही 18 हफ्तों मे फिल्मे ने 25 लाख की कमाई की दिल्ली, उत्तर प्रदेश मे इसके कारोबार ने पिछली हिट बाॅबी  की कमाई को भी पीछे छोड़ दिया धीरे-धीरे कारोबारी कामयाबी के मामले मे यह फिल्म मदर इंडिया, शोले और मुगले आजम क

मानव शरीर मे रोगोत्पत्ति और निवारण

मानव शरीर मे रोगों का जंम दोषों की विकृति से होता है। अर्थात कफ, वायु और पित्त। यह तीन शारीरिक दोष हैं। और रज और तम दो मानस दोष है। शारीरिाक दोषों मे वायु की प्रधानता और मानसिक दोष मे रज की प्रधानता होती है। जैसे वायु के बिना कफ और पित्त पंगु होते हैं। वैसे ही रज के बिना तम कुछ नही कर सकता है। अर्थात शरीर मे रोगांे के जंम का कारण कफ, पित्त और वायु होते हैं। और रज और तम मानसिक रोगों के कारण होते हैं। मन में रहने वाला सत गुण विकार नही पैदा करता है। इसलिये सत गुण विकार नही माना जाता है। जैसे कफ दोष शरीर मे प्रमेह और  मधुमेह पैदा करता है। जिसका मुख्य कारण दही और कफ बनाने वाले अन्य पदार्थों का अधिक सेवन होता है। उसी तरह बुद्धि, मन और स्मरणशक्ति कि विकार स्वरूप उन्माद आगन्तुक और निज दो कारणों से होता हैं उपरोक्त कारणो से उत्पन्न 5 प्रकार का होता है।  शरीर को स्वस्थ या अस्वस्थ रखने मे मन का पूरा हाथ होता है। अतः मन के सक्रिय होने से मन सक्रिय होता है। शरीर स्वस्थ और निरोग रहे इसके लिये मन का निर्विकार सन्तुलित और उच्च बल वाला होना चाहिये इसके लिये मन पर विवेक का नियंत्रण होना जरूरी  है। वर्तम

पुराने वैद्यों के अनुभूत नुस्खे

कब्ज नष्ट हो:- भुने चने 100 ग्राम, काला नमक एक चम्मच, और 25 ग्राम अजवाइन लें। इन सबको कूट कर उसका चूरा बना लें और प्रातः सांय दो दो चम्मच गर्म पानी से लें। - जे.पी. शर्मा, बनारसी टोला, अलीगंज, लखनऊ। जूड़ी या मलेरिया बुखार:- सादे नमक को तवे पर तब तक भूने जब तक भूरे रंग का ना हो जाय फिर एक चम्मच भुना नमक ठंडे पानी दिन में तीन बार लें बुखार रहने तक लेते रहें। - डा. गण्ेाश नारायन चैहान, जयपुर, राजस्थान दान्त मे कीड़ा होने पर:- जिस ओर के दान्त मे कीड़ा लगा हो उस तरफ के कान मे लटजीरा की पत्तियों का रस डालने से कीड़ा मर जाता है और दर्द समाप्त हो जाता है, कभी-कभी यह प्रयोग दो-तीन बार दोहराना होता है। नजर का चश्मा उतारना हो:- नित्य दोनों आँखों मे एक एक बूंद असली शहद डालने से ना केवल चश्मा उतर जाता है बल्कि शुरूआती दौर का मोतियाबिंद भी कट जाता है।       - डा. गण्ेाश नारायन चैहान, जयपुर, राजस्थान मोतियाबिंद नाशक नुस्खा:- आयुर्वेद के अनुसार मोतियाबिंद कफ विकार के कारण होता है। इसके नाश हेतु कच्ची मूंगफली को चूने मे पानी मे भिगों दें जब मूंगफली चूने को अच्छी तरह सोख लें तो मूंगफली को धूप मे सुखा लें फि

टीपू सुल्तान की पराजय

बात मार्च 1993 की है। मेरी ज्योतिष और वास्तु आदि मे नई-नई पैदा रुचि पैदा हुयी थी उन्हीं दिनों मै अपने कुछ मित्रांे के साथ दक्षिण भारत के मंदिरों और तीर्थों की यात्रा कर रहा था तिरूपति बालाजी, कोर्णाक के सूर्य मंदिर, जगन्नाथ जी मंदिर के दर्शन करने के बाद जब मैं बैंगलौर मे कावेरी नदी के किनारे स्थित टीपू सुल्तान के श्रीरंगपटटम् के किलें पर पहुँचा तों किले की सैर के दौरान मुझे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि टीपू सुल्तान के किले मे तुलसी चैरा बना हुआ मैंने जब इस बारे मे वहां के गाइड से पूछताछ की कि एक मुस्लिम शासक के किले मे तुलसी चैरे का क्या काम है। तो उसने मुझे टीपू सुल्तान के समय घटी एक विचित्र ज्योतिष घटना सुनाई। अति दुर्लभ और अजीब घटना को मै पाठकों के सामने पेश कर रहा हूँ।    17 वीं सदी के उत्तरार्घ मे मैसूर मे टीपू सुल्तान का शासन था जिनका जंम 20 नवम्बर 1752 को सुल्तान हैदर अली व माता फखरूनिसां के घर में हुआ उनके जंम के पूर्व हैदर अली व फखरूनिसां ने आरकाट के प्रसिद्ध सन्त टीपू मस्तान औलिया जो मस्त कलंदर कहलाते थे की दरगाह पर बेटा पाने के लिये मनौती मानी थी उसके कुछ ही दिन बाद बेगम गर्भ

छोटा उम्र का पति

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- डी.एस. परिहार बदलते आर्थिक व समाजिक परिवेश मे भारतीय समाज मे अनेकों नये परिवर्तन आये हैं। समाज की कई पुरानी संस्थायें, मान्यतायें परम्परायें या तो टूट चुकी हैं या उनमें आमूल-चूल परिवर्तन आये हैं। जैसे प्रेम विवाह, विधवा विवाह, तलाक के बाद पुर्नविवाह, अन्र्तजातीय विवाह आदि। जैसे विवाह में एक नया टेªन्ड आया है कि अनेकों लड़के अपने से बड़ी उम्र की लड़की से शादी करते है। इसका मूल कारण लड़के और लड़कियों की विवाह हेतु जरुरतों में बदलाव आया है। पुराने समय में लड़की की सुन्दरता, कुल, गुण, सेवाभाव, विनम्रता, दान दहेज को प्राथमिकता दी लाती थी लेकिन आज नई पीढी जीवन साथी में हाई और प्रौफेशनल एजूकेशन, रेपुटेटेड जाॅब को तथा समान मेंटल स्टेटस जैसे गुण खोजता है। ऐसे वर खोजने और अपना कैरियर बनाने के चक्कर मे अक्सर लड़कियाँ ओवरएज हो जाती हैं और उनके पास कम आय और लो स्टेटस वाले रिश्ते आने लगते है। लड़कांे को भी अपने से छोटी ऐसी लड़कियाँ मिलती है। जिनका शैक्षिक और कैरियर उनके मनमुताबिक ना होकर घटिया होता है। क्योंकि कि उच्च शिक्षा और उँचा जाॅब हासिल करने में काफी समय लगता है जो उन्हें अपने से अधिक उम्र की लड़कियो

सेहत के लिए किशमिश लाभदायक है

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सेहत और स्वाद के लिए बहुत लाभदायक होती है। अगर आप अपनी सेहत को लेकर चिंतित रहते हैं तो किशमिश का पानी पीना शुरू कर दें। इस पानी को बनाने काी विधि काफी सरल है। इस पानी को कम से कम एक हफ्ते तक पीने से ना केवल आपके दिल की बीमारी दूर होगी बल्कि आपका लिवर भी साफ होगा। किशमिश के पानी में काफी विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। किशमिश के पानी का अगर नियमित सेवन किया जाए तो शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलता है और बॉडी डिटॉक्स होती है। इस पानी को कम से कम एक हफ्ते तक पीने से ना केवल आपके दिल की बीमारी दूर होगी बल्कि आपका लिवर भी साफ होगा और उसके काम करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इससे पहले कि आप इसके हेल्थ बेनिफिट को जानें आइये देख लेते हैं कि किशमिश का पानी कैसे तैयार करते हैं। किशमिश का पानी बनने की विधि:-- सामग्री- 2 कप पानी (400 मिलीलीटर) और 150 ग्राम किशमिश (मुठ्ठी भर) पानी तैयार करने की विधि- एक पैन में पानी को उबालें और उबलते हुए पानी में अच्छे से धुली हुई किशमिश को डालें ( ध्यान रखें हमेशा काले अर्थात गहरे रंग की किशमिश ही चुनें) और 1 मिनट बाद गैस बंद कर दें और इसको भिगो कर रातभर के लिये रख दें। दूसर